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नई दिल्ली। केंद्रीय जल आयोग देश में फैले 82 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण स्थिति पर नजर रखता है, इनमें से 37 जलाशयों से पन बिजली भी तैयार की जाती है और उनमें से प्रत्येक की स्थापित क्षमता 60 मेगावाट से अधिक है। मानसून के शुरू में अर्थात 1 जून, 2011 को 81 जलाशयों की संयुक्त मौजूदा भंडारण क्षमता उनकी प्रायोजित क्षमता का 24 प्रतिशत थी और 26 अप्रैल, 2012 को प्रायोजित क्षमता का 28 प्रतिशत थी।
वर्तमान भंडारण पिछले वर्ष के भंडारण का 85 प्रतिशत और इसी अवधि के दौरान गत 10 वर्ष के औसत भंडारण का 127 प्रतिशत है। इन 82 जलाशयों में से इस समय 19 जलाशय ऐसे है जहां इस वर्ष की भंडारण क्षमता पिछले 10 वर्षों के औसत का 80 प्रतिशत या उससे कम है जबकि शेष 63 जलाशयों की भंडारण क्षमता पिछले 10 वर्षों के औसत के 80 प्रतिशत से अधिक है। केंद्रीय जल आयोग उपलब्ध जल से सर्वाधिक संभावित लाभ प्राप्त करने के लिए कृषि और सहकारिता विभाग के साथ संपर्क बनाये हुए है और फसल मौसम निगरानी समूह को भंडारण स्थिति का हफ्ते-वार जानकारी उपलब्ध करा रहा है ताकि फसलों के बारे में उपयुक्त रणनीतियां तैयार की जा सकें और जल संसाधन आयोजन के काम में लगे विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को स्थिति की जानकारी दी जा सके।
छब्बीस अप्रैल, 2012 को थाले-वार भंडारण स्थिति इस प्रकार है-गंगा, सिंधु, नर्मदा, तापी, माही, साबरमती, गोदावरी, कच्छ की नदियों, कावेरी और आस-पास की नदियों, महानदी और आस-पास की नदियों और दक्षिण थालों की पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की भंडारण स्थिति पिछले 10 वर्षों की औसत स्थिति से बेहतर है, जबकि कृष्णा थाले में स्थिति लगभग सामान्य है। पन बिजली की क्षमता वाले 37 जलाशयों में से 11 जलाशयों की भंडारण स्थिति पिछले 10 वर्षों के औसत से कम है।