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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने सोमवार को सचिवालय में फ्लैगशिप कार्यक्रमों और बेनाप भूमि के संबंध में 1893 के नोटिफिकेशन के निरस्त करने के बाद विकास कार्यक्रमों में हुई प्रगति की सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की। समीक्षा में पाया गया कि इस अधिसूचना और 1997 के शासनादेश को निरस्त करने के बाद विकास संबंधी विभिन्न निर्माण कार्यो की अड़चन दूर हुई है, प्रदेश में लगभग 418 मामले जो सिविल सोयम भूमि होने की वजह से रूके हुये थे, उन कार्यो में अब तेजी आई है।
मुख्य सचिव ने बताया कि पूरे प्रदेश में 20 हजार हेक्टेयर भूमि का लैंड बैंक बनना है, उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिले में भूमि का चयन कर उसे वन विभाग को हस्तांतरित करें, इसके बाद विकास कार्य नहीं रूकेंगे और इसी खाते में से क्षतिपूर्ति होती रहेगी, उन्होंने बेनाप भूमि की अधिसूचना निरस्त करने के बाद की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि अब जिलाधिकारी अपने स्तर से भूमि का हस्तांतरण कर सकेंगे, फॉरेस्ट क्लियरेंस की वजह से विकास संबंधी कार्यो में अड़चन नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना को निरस्त करने का मकसद यही था, इसलिए सभी जिलाधिकारी इस मकसद को समझते हुए विकास कार्यो में तेजी लाएं। इस निर्णय से राज्य सरकार के पिथौरागढ़ में 100, नैनीताल में 88, अल्मोड़ा में 28, चंपावत में 11, टिहरी में 46, बागेश्वर में 1, रूद्रप्रयाग में 20, चमोली में 141, उत्तरकाशी में 30, पौड़ी में 38, देहरादून में 31 विकास कार्यो को गति मिली है। मुख्य वन संरक्षक डॉ आरबीएस रावत ने बैठक में बताया कि भारत सरकार की स्टेट फारेस्ट रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में वन के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। इस मामले में सर्वेक्षण के अनुसार उत्तराखंड देश का नंबर-1 राज्य है।
मुख्य सचिव ने फ्लैगशिप कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को फरवरी और मार्च महीने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने जनपदवार और कार्यक्रमवार लक्ष्य तय किए। एक मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रगति की फिर से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से फ्लैगशिप कार्यक्रमों के लिए इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा धनराशि प्राप्त हुई है। मुख्य सचिव ने बीआरजीएफ, मनरेगा, पीएमजीएसवाई आदि कार्यक्रमों की वित्तीय और भौतिक प्रगति की समीक्षा करते हुए लक्ष्य से पीछे चल रहे अधिकारियों को आड़े हाथों लिया और अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों की सराहना भी की।
मुख्य सचिव ने शांतिपूर्ण, और निष्पक्ष चुनाव संपंन कराने के लिए जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से उत्तराखंड राज्य को मिली बधाई से उन्हें सूचित किया। निर्वाचन आयोग ने इस बात के लिए राज्य की सराहना की है, कि यहां पुनर्मतदान नहीं हुआ और न ही इसके लिए कोई मांग की गई। उन्होंने इस प्रयास के लिए सभी अधिकारियों को बधाई दी है। बैठक में मुख्य राजस्व आयुक्त पीसी शर्मा, प्रमुख सचिव गृह उत्पल कुमार सिंह, सचिव पंचायतीराज पीएस गुसाईं, आयुक्त गढ़वाल मंडल अजय नबियाल, सचिव ग्राम्य विकास विनोद फोनिया, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा डॉ निधि पांडेय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।