स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय ने एयर इंडिया सहित भारतीय अनुसूचित विमान सेवाओं को उस समय तक निर्धारित द्विपक्षीयता का उपयोग करने की अनुमति देने का फैसला किया है, जब तक वे विमान सेवा समझौते (एएसए) के अधीन सर्वाधिक अनुमत सीमा तक नहीं पहुंचते। एयर इंडिया की परिचालन योजना को यातायात अधिकारों के आवंटन में उचित महत्व दिया जाएगा, मंत्रालय ने इस संबंध में अंतरमंत्रालय समूह (आईएमजी) के चर्चा पत्र में दिखाए गए दृष्टिकोण का समर्थन किया है।
भारतीय अनुसूचित विमान सेवाओं को यातायात के अधिकारों का आवंटन उनकी मांग, क्षमताओं और योग्यताओं, संचालन योजनाओं और अन्य संबद्ध कारकों को ध्यान में रखते हुए पांच शिड्यूल्स की सर्वाधिक सीमा तक अग्रिम रूप में किया जाएगा। नागर विमानन मंत्रालय द्वारा आवंटित अधिकारों के उपयोग पर नियमित रूप से नजर रखी जाएगी। आवंटित अधिकारों के कम उपयोग अथवा नगण्य उपयोग की हालत में मंत्रालय उसके अधिकारों को रद्द करने और उचित जुर्माना लगाने पर विचार कर सकता है।
नई व्यवस्था के अंतर्गत कोड शेयर परिचालन को प्रोत्साहित किया जाएगा। भारतीय विमान सेवाओं को छठी स्वतंत्र यातायात चलाने और क्षेत्र में आधिकारिक स्थिति प्राप्त करने योग्य बनाने के लिए केंद्रों के विकास को बढ़ावा देने के सभी संभव उपाय किये जाएंगे। ऐसे देशों को, जहां एएसए अस्तित्व में नहीं है, लोगों की यात्रा, व्यापार और वाणिज्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मंत्रालय एएसए से उन देशों के साथ यातायात अधिकार जोड़ने पर विचार करेगा।
मंत्रालय विश्व के विभिन्न संभावित क्षेत्रों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संयोजकता को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीयता की नियमित रूप से समीक्षा करेगा। ऐसा करते समय भारतीय अनुसूचित विमान सेवाओं और क्षेत्रीय मामलों तथा भारतीय अनुसूचित विमान सेवाओं, अंतर्राष्ट्रीय यात्री यातायात की मांग को ध्यान में रखते हुए विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से संभावित संबद्धता को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीयता की नियमित रूप से समीक्षा करेगा।