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नई दिल्ली। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की रिपोर्ट की जांच करने के लिए नागर विमानन मंत्री ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है। दो राष्ट्रीय वाहकों एयर इंडिया तथा इंडियन एयर लाइंस के विलय के बाद विभिन्न मानव संसाधन मुद्दों पर न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों की जांच करने के लिए नागर विमानन मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने तीन सदस्यीय समिति गठित की जिसे अपनी रिपोर्ट मार्च 2012 के प्रथम सप्ताह तक देनी है। समिति से यह भी कहा गया है कि वह न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों को लागू करने की अनुसूची भी दे। विभिन्न औद्योगिक संबंधों की विवेचना करने के लिए भारत के उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएम धर्माधिकारी की अध्यक्षता में नागर विमानन मंत्रालय ने समिति गठित की थी, जिसने 31 जनवरी 2012 को अपनी रिपोर्ट नागर विमानन मंत्री को सौंप दी।
धर्माधिकारी समिति रिपोर्ट की जांच करने के लिए नागर विमानन मंत्री ने अब गठित की गई समिति में नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत सुकुल, लोक उद्यम विभाग के संयुक्त सचिव एके सिन्हा एवं इफको निदेशक आरपी सिंह बाहरी विशेषज्ञ के रूप में शामिल हैं। सात फरवरी 2012 को आयोजित मंत्री समूह की बैठक में भी यह इच्छा व्यक्त की गई है कि न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों की जांच मार्च 2012 के पहले सप्ताह तक कर ली जाए। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की रिपोर्ट में दी गई विभिन्न सिफारिशों पर यह समिति कर्मचारियों के हितों, कंपनी के कामकाज की व्यवहार्यता, वित्तीय प्रभावों और लागू करने के अन्य विभिन्न व्यवहारिक पहलुओं को भी ध्यान में रखते हुए अपनी टिप्पणी देगी। समिति विभिन्न सिफारिशों को लागू करने के लिए प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए इसकी अनुसूची भी देगी। तीन सदस्यीय समिति के मार्च 2012 के प्रथम सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने के बाद न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति रिपोर्ट की सिफारिशें लागू होंगी।