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रियाद। भारत और सउदी अरब ने बेहतर आपसी संबंधों की रूपरेखा तैयार करने के लिए रक्षा सहयोग संबंधी संयुक्त समिति गठित करने का फैसला किया है। यह निर्णय मंगलवार को रियाद में दोनों देशों के बीच शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता के दौरान लिया गया। भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भारतीय शिष्टमंडल का और सउदी अरब के रक्षा मंत्री शहजादा सलमान बिन अब्दुल अजीज अल साउद ने वहां के शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। सउदी अरब के रक्षा उप-मंत्री शहजादा खालिद बिन सुल्तान और सउदी सैनिक संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया। भारतीय शिष्टमंडल में रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा, सउदी अरब में भारत के राजदूत हामिद अली रॉव, थल सेना उपाध्यक्ष ले जनरल एसके सिंह, नौसेना उपाध्यक्ष वाइस एडमिरल सतीश सोनी और एयर वाइस मार्शल एमआर पवार शामिल थे।
प्रस्तावित समिति विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की योजनाएं तैयार करेगी। इनमें रक्षा सहयोग संबंधी समझौता दस्तावेज पर हस्ताक्षर, सभी स्तरों यथा राजनीतिक, आधिकारिक और सेवा पर उच्चस्तरीय आपसी यात्राएं, जहाजों की यात्राएं और ऐसी यात्राओं के दौरान पैसिज अभ्यास शामिल हैं। समिति जल विज्ञान में सहयोग संबंधी समझौता दस्तावेज की संभावनाओं का भी पता लगायेगी। इसके अलावा दोनों पक्षों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाने और रक्षा उद्योगों में सहयोग की संभावनाएं भी परखी जाएंगी। शहजादा सलमान ने एंटनी के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया कि सउदी अरब का एक शिष्टमंडल भारत की रक्षा उत्पादन सुविधाओं को देखने के लिए निकट भविष्य में भारत आएगा। शहजादा सलमान ने इस वर्ष बाद में भारत यात्रा पर आने संबंधी एंटनी के निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया।
भारत के रक्षामंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में पायरेसी के फैलने पर चिंता व्यक्त की और उनके इस सुझाव को शहजादा सलमान ने तत्काल स्वीकार कर लिया कि दोनों देशों की नौसेनाएं पायरेसी के विरूद्ध संघर्ष में व्यवहारिक सहयोग का पता लगायेंगी और हिंद महासागर संबंधी नौसैनिक सेंपोजियम तैयार करने में सउदी अरब की शाही नौसेना सक्रिय भूमिका निभाएगी। खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सभी मामले शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए निपटाए जाने की जरूरत है। इससे पहले, रियाद में रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में पहुंचने पर एंटनी को अंतर-सेना गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया। शहजादा खालिद ने आगंतुक शिष्टमंडल के सम्मान में दोपहर का भोज भी दिया।