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नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि दूर संचार आयोग ने स्पेक्ट्रम प्रबंधन और लाइसेंस पर ट्राई की 11 मई 2010 और बाद में की गई सिफारिशों पर विचार किया और फैसले किए हैं। उन्होंने मीडिया को फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब स्पेक्ट्रम से संबद्ध कोई यूएएस लाइसेंस नहीं दिये जाएंगे। भविष्य के सभी लाइसेंस यूनीफाइड लाइसेंस होंगे और स्पेक्ट्रम आवंटन को लाइसेंस से अलग कर दिया जाएगा, अगर जरूरत हुई तो स्पेक्ट्रम अलग से लेना होगा। इस संबंध में अंतिम फैसला यूनीफाइड लाइसेंस लागू करने के लिए ट्राई से दिशा निर्देश और शर्तें प्राप्त होने के बाद किया जाएगा। एक बार ही स्पेक्ट्रम प्रभार के बारे में फैसले अलग से किये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि यूनीफाइड लाइसेंस रिजीम तैयार होने से पहले अगर स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई तो यूएएस लाइसेंस बिना स्पेक्ट्रम के जारी कर दिये जाएंगे और यह जब रिजीम बन जाएगी तो यूनीफाइड रिजीम के अधीन होगा। इस प्रकार के बिना स्पेक्ट्रम वाले लाइसेंस के बारे मार्गदर्शक नियम इस संबंध में ट्राई की सिफारिशें मिलने के बाद जारी किये जाएंगे। सभी दूरसंचार लाइसेंसों और सेवा क्षेत्रों के बारे में एक जैसी लाइसेंस फीस देनी होगी जिसे धीरे-धीरे 2012-13 से शुरू करके हर दो साल में बढ़ा कर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के 8 प्रतिशत के बराबर कर दिया जाएगा। इस प्रकार के लाइसेंसों द्वारा जो लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम इस्तेमाल प्रभार देय होंगे वह वास्तविक एजीआर पर होंगे। शर्त यह होगी कि उनका न्यूनतम अनुमानित एजीआर तय किया जाएगा। इस न्यूनतम राशि की ट्राई में हर साल समीक्षा की जाएगी।
कपिल सिब्बल ने बताया कि अभी उन आईपीआई सेवा प्रदाताओं को लाइसेंसिंग रिजीम के अंतर्गत लाने के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है जो बिना लाइसेंस सिर्फ निष्क्रिय मूल सुविधा प्रदाता हैं। दूरसंचार विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज और टेलीडेंटिसी बढ़ाने के बारे में एक त्वरित और व्यापक तकनीकी आर्थिक अध्ययन करवाएगा और साथ ही सतत गुणवत्ता सेवा सुनिश्चित की जाएगी, यूएसओएफ तंत्र की पर्याप्तता की जांच भी की जाएगी। मौजूदा यूएएस एवं सीएमटीएस तथा बेसिक सर्विसेस के लाइसेंसों की विधिमान्यता एक बार में अगले दस वर्षों के लिए बढ़ाई जा सकती है। इनमें ऐसी शर्ते रखी जा सकती हैं कि मौजूदा लाइसेंस की अवधि अपने आप न बढ़ जाए। सरकार 2010 में स्पेक्ट्रम इस्तेमाल प्रभार संशोधित करेगी। यह मामला अदालत में है। दूर संचार विभाग अदालत का फैसला आने बाद इस संबंध में कार्रवाई करेगा।
दूरसंचार मंत्री ने बताया कि यूएएस लाइसेंस की अवधि बढ़वाने के लिए मेट्रो और ए वर्ग के सर्किलों में दो करोड़ रुपये की फीस देनी होगी। बी वर्ग के सर्किलों में यह शुल्क एक करोड़ रुपये और सी सर्किलों में 0.5 करोड़ रुपये होगी। इस फीस में स्पेक्ट्रम का मूल्य शामिल नहीं है जिसे अलग से देना होगा। स्पेक्ट्रम के पुनर्गठन की जरूरत सिद्दांत रूप में मंजूर कर ली गई है। इस सिलसिले में अगली कार्रवाई ट्राई की सिफारिशें मिलने के बाद की जाएगी। किसी सेवा प्रदाता को दिये गये स्पेक्ट्रम की निर्धारित सीमा जीएसएम/सीडीएमए टेक्नोलॉजी के लिए 2x8MHz/2x5MHz होगी, लेकिन दिल्ली और मुंबई में यह सीमा 2x10MHz/2x6.25MHz होगी।