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तिरूवंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बुधवार को विश्व बैंक की सहायता से दूसरी केरल ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना के कानूनी करार पर हस्ताक्षर किए गए। भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त निदेशक वेणु राजमनी, विश्व बैंक की ओर से परिचालन सलाहकार हबर्ट नोवे जोसरंड, केरल राज्य सरकार की ओर से जल संसाधन विकास के प्रधान सचिव, वीजे कुरियन और परियोजना के तौर पर कार्यपालक निदेशक अशोक कुमार सिंह हस्ताक्षरकर्ता थे।
परियोजना के तहत 200 ग्राम पंचायतों के करीब 1.84 मिलियन ग्रामीणों को पीने के पानी और स्वच्छता प्रबंध सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस कार्य को साढ़े पांच वर्षों की अवधि में पूरा किया जाएगा, इस पर 1022 करोड़ रूपये की लागत आएगी। वर्ष 2000 से 2008 में लागू की गई परियोजना के पहले चरण में 112 ग्राम पंचायतों के 1.3 मिलियन ग्रामीणों को शामिल किया गया था, जो अत्यंत सफल रही थी। वर्ष 2008 में विश्व बैंक ने इस परियोजना को पहले रनर अप का पुरस्कार दिया था। पहले चरण की अपेक्षा दूसरे चरण में समुदायों का अधिक हित साधा गया है। इसमें 22 ग्राम पंचायतों का चयन बैच-एक कार्यान्वयन के लिए कर लिया गया है और सहायता करने वाले संगठनों को नियुक्त कर करार कर लिए गए हैं।