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पटना। राष्ट्रीय निरीक्षण और निगरानी समिति (एनआईएमसी) के दल ने 10 और 11 फरवरी 2012 के बीच बिहार के वैशाली और पटना जिलों में अल्ट्रासाउंड करने वाले क्लीनिकों का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण दल में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और सिविल सोसायटी के सदस्य शामिल थे। दल में राज्य और संबद्ध जिलों के अधिकारी भी शामिल थे। दल ने वैशाली और पटना जिलों मे सात जगहों का दौरा किया और पीसी तथा पीएनडीटी कानून 1994 के अंतर्गत वैध उपकरणों और रिकॉर्डों की जांच की। दल ने कानून का उल्लंघन करने के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनों के साथ दो क्लीनिकों को भी सील कर दिया।
विवरण के अनुसारवैशाली में शारदा अस्पताल और मीशा अस्पताल पीसी और पीएनडीटी कानून के अंतर्गत पंजीकृत नहीं होने के बावजूद अल्ट्रासाउंड सेवाओं को विज्ञापन देते पकड़े गये, हालांकि निरीक्षण दल को अस्पतालों में अल्ट्रासांउड मशीन नहीं मिली। एनआईएमसी दल ने पोर्टेबल अल्ट्रासांउड मशीनों के इस्तेमाल के संबंध में सबूत जुटाने और अस्पतालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने सहित आगे जांच की सिफारिश की। न्यू मां अल्ट्रासाउंड क्लीनिक और कंप्यूटर अंल्ट्रासाउंड के निरीक्षण के समय अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे और यह स्पष्ट नहीं हो सका कि क्या योग्य डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करते थे। क्लीनिक ने पीसी और पीएनडीटी कानून के अंतर्गत रिकॉर्ड भी नहीं रखे थे। जिले के अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि रिकॉर्ड नहीं रखने और सेवा देने वालो की योग्यता के संबंध में स्पष्टता के अभाव के कारण क्लीनिक के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जाए।
वैशाली में विमल अल्ट्रासाउंड क्लीनिक में फार्म एफ, ओपीडी रजिस्टर, नकद रसीद का कोई रिकॉर्ड नहीं था। एनआईएमसी टीम ने क्लीनिक में रिकॉर्ड नहीं रखने और पीएनडीटी कानून का उल्लंघन करने के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की। इसी प्रकार मंगलम अल्ट्रासाउंड गैर पंजीकृत क्लीनिक को सील कर दिया गया और पीएनडीटी नियमों के नियम-11 (2) के प्रावधानों, 1996 के अनुसार कार्रवाई की सिफारिश की गई। अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ क्लीनिक को सील कर दिया गया और अधिकारियों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर लिये।
पटना में मौर्य एक्सरे और अल्ट्रासाउंड प्राइवेट लिमिटेड में तीन अल्ट्रासाउंड मशीनों के साथ क्लीनिक को सील कर दिया गया। ओपीडी रजिस्टर उपलब्ध नहीं था और फार्म एफ अधूरे पाये गये, जिन्हें सबूत के तौर पर जब्त कर लिया गया। फोर्ड अस्पताल में एनआईएमसी ने पाया कि एक अनधिकृत डॉक्टर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करता था और फार्म एफ भी ठीक से नहीं भरा जाता था। अस्पताल ने पिछले डेढ़ वर्ष से अनिवार्य मासिक रिपोर्ट भी जमा नहीं की थी। हृदय रोगियों को असुविधा न हो, इस कारण अस्पताल के अल्ट्रासाउंड क्लीनिक और मशीन को जब्त नहीं किया गया, हालांकि गर्भावस्था जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली अल्ट्रासाउंड मशीनों की दो जांच रिपोर्ट अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले ली।