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नई दिल्ली। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले आठ वर्षों में जांच एजेंसियों ने देश में लगभग सभी बड़ी आतंकवादी घटनाओं के मामलों को सुलझाया है। सुलझाई गई बड़ी आतंकवादी घटनाओं की संख्या के संदर्भ में गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है, जिसमें उसने कहा है कि भारत सरकार का ध्यान एक राजनैतिक पार्टी के प्रवक्ता के उस बयान की ओर आकृष्ट किया गया है, जिसमें यह बात कही गई थी कि पिछले आठ वर्षों में जांच एजेंसियों ने आतंकी घटना के किसी भी मामले को हल नहीं किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि मई 2000 से उसने बड़ी आतंकवादी घटनाओं की सूची तैयार की है, जिस आतंकी घटना में कम से कम कुछ लोग घायल हुए हों उन्हें बड़ी आतंकवादी घटना के रुप में परिभाषित किया जाता है। मई 2000 से देश में 46 बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुई हैं, इनमें से सात को छोड़कर सभी मामलों को सुलझा लिया गया है। नौ मामलों में सजा दी जा चुकी है, बाकी बचे 30 मामलों में से 29 में आरोप-पत्र दाखिल किए जा चुके हैं और 19 मामलों में मुकदमा शुरु किया जा चुका है। दो मामलों में रिहाई दी गई और अपील को वरीयता दी गई। सात अनसुलझे मामलों में से चार हल होने के करीब हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि हाल ही में पकड़े गए एक आईएम मॉड्यूल से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यह मॉड्यूल इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार था-13 फरवरी 2010 को पुणे के जर्मन बेकरी में बम विस्फोट, 17 अप्रैल 2010 को बैंग्लुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के निकट बम विस्फोट, 19 सितंबर 2010 को दिल्ली में जामा मस्जिद के निकट गोली बारी और विस्फोट, 13 जुलाई 2011 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट। जर्मन बेकरी मामले में एक आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, एक आरोपी पर मुकदमा चल रहा है, और छह आरोपियों को भगौड़ा घोषित किया गया है।
गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि इसके अलावा इस ओर भी ध्यान दिलाना आवश्यक है कि कुछ मामलों में दोबारा जांच या आगे जांच चल रही है, इस वर्ग में ये मामले हैं- 8 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम विस्फोट, 18 फरवरी 2007 को हरियाणा में समझौता एक्सप्रेस में हुआ बम विस्फोट, 18 मई 2007 को आंध्र प्रदेश में मक्का मस्जिद में बम विस्फोट, 11 अक्तूबर 2007 को राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में हुआ बम विस्फोट, 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम विस्फोट, 29 सितंबर 2008 को गुजरात के मोदास्सा में बम विस्फोट। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने नव कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, देवेंद्र गुप्ता और कुछ अन्यों को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में कमल चौहान की गिरफ्तारी की है और उपर्युक्त मामले को सुलझाने के लिए इस सिलसिले में और भी गिरफ्तारियों की संभावना है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि उपर्युक्त तथ्य इस बात को स्पष्ट करते हैं कि सरकार और जांच एजेंसियां आतंकवाद के प्रत्येक मामले को सुलझाने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं।