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नई दिल्ली। कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के मंत्री शरद पवार ने किसानों और बागवानीउत्पादन के विकास से जुड़े कर्मियों को देश में 240 मिलियन टन के रिकार्ड बागवानीउत्पादन के लिए बधाई दी है। पवार बागवानीउत्पादन तथा उत्पादकता के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्पादन में वृद्धि से इन उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ फलों तथा सब्जियों की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में भी वृद्धि हुई है। बागवानीउत्पादों के निर्यात से इस वर्ष ने 14,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की गयी है। इस अवसर पर पवार ने देश में बागवानी उत्पादन के विकास की मुख्य धारा तक लाने के उद्देश्य से वर्ष 2012 को बागवानीवर्ष के तौर पर मनाये जाने की घोषणा भी की।
पवार ने कहा कि जहां हमने उत्पादकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है वहीं आपूर्ति व्यवस्था की समस्याओं का समाधान किया जाना भी आवश्यकता है। शीत गृह श्रंखला विकास के राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना के केंद्र सरकार के निर्णय की चर्चा करते हुए पवार ने कहा कि इससे देश में शीत गृह श्रंखला की ढांचा गत सुविधाओं की समस्याओं के समाधान में मदद मिलगी। उन्होंने कहा कि जहां इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी जाएगी। वहीं शेष धन इस उद्योग को जुटाना होगा।
उत्पादकता के वैश्विक मानकों की चर्चा करते हुए पवार ने उत्पादकता के मानकों के वैश्विक स्तर के अनुकूल बनाने पर जोर जिया। इस अवसर पर पवार ने जारी वर्ष के दौरान श्रेष्ठ बागवानी उत्पादन करने वाले राज्यों के लिए पुरस्कार शुरू किये जाने की भी घोषणा की। सम्मेलन में कृषि राज्य मंत्री डॉ चरणदास भी मौजूद थे। सम्मेलन में कृषि तथा सहकारिता विभाग के सचिव आर के बसु ने कहा कि उनके विभाग ने इस दिशा में की गयी कार्यवाहियों से, देश में बागवानी की फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है जिस के परिणाम स्वरूप भारत विश्व में फलों तथा सब्जियों का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला दूसरा बड़ा देश बन गया है।