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नई दिल्ली। बड़े कस्बों और शहरों के लिए सड़क संपर्क और उनका विकास समूचे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। इस तथ्य पर ध्यान देते हुए प्रधानमंत्री ने प्रतिदिन 20 किलोमीटर सड़क निर्माण का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था और इस लक्ष्य के तहत एक वर्ष में करीब 7300 किलोमीटर के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया था। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की दसवीं संसदीय सलाहकार समिति की बैठक के दौरान योग्यता और बोली मानदंड-आरएफक्यू और आरएफपी विषय पर अपने संबोधन में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री डॉ सीपी जोशी ने यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय की वर्तमान में प्रतिवर्ष 7300 किलोमीटर सड़क निर्माण की योजना है, दो-तीन वर्षों में निर्माण के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद करीब 20 हजार किलोमीटर के कार्य को कार्यान्वित किया जाना चाहिए। डॉ जोशी ने कहा कि एनएचडीपी के पुनर्निर्माण के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं, इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए खासतौर पर सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत निर्माण, संचालन और बीओटी हस्तांतरण को मान्यता दी गई थी। केंद्रीय मंत्री ने सदस्यों को जानकारी दी कि एनएचडीपी के अलावा मंत्रालय वाम प्रभावित चरमपंथ क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए विशेष त्वरित गति से सड़क विकास कार्यक्रम के अलावा कुछ अन्य प्रमुख परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। इस प्रकार से एनएचडीपी के अलावा इन कार्यक्रमों के अंतर्गत 20,000 किलोमीटर से अधिक का विकास किया जाएगा।
उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुछ बेहद महत्वपूर्ण खंडों के अभी भी एक लेन अथवा संयुक्त लेन के होने पर चिंता जताई और कहा कि कार्यों को प्रदान करने में पारदर्शिता, राजमार्ग की मरम्मत के लिए टोल में सुधार, सड़क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए कुछ विशेष नीतियों की पहल की गई है। केंद्रीय मंत्री ने सदस्यों को जानकारी दी कि सड़क क्षेत्र के लिए वर्तमान आरएफक्यू और आरएफटी दस्तावेजों के संशोधन के संदर्भ में एनएचडीपी पर बीके चतुर्वेदी समिति की रिपोर्ट को मंत्रालय ने 2009 में स्वीकार कर लिया था। बैठक में सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री डॉक्टर तुषारभाई चौधरी, सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। लोकसभा सदस्यों के तौर पर सरदार सुखदेव सिंह लिब्रा, मोहिंद्र सिंह केपी, मंगानी लाल मंडल, अश्वमेघ देवी, कौशलेंद्र कुमार, गोविंद प्रसाद मिश्र, के नारायण राव, अनन्था वी रेड्डी और वीके हांडिक उपस्थित थे, जबकि राज्य सभा से जेसुदासु सीलम और केबी शनप्पा उपस्थित थे।