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सचिवालय में ई-गवर्निंग प्रोजेक्ट का प्रशिक्षण

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आर मीनाक्षी सुंदरम/r. meenakshi sundaram

देहरादून। आईटीडीए के निदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम ने मंगलवार को सचिवालय में ई-गवर्निंग प्रोजेक्ट के चार दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। यह प्रशिक्षण स्टेट ई-गवर्नेंस मिशन टीम और आईटीडीए के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत पहली बार यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस तरह से राज्य में पहली बार नवगठित स्टेट ई-गवर्नेंस मिशन टीम को औपचारिक रूप से लागू किया जा रहा है। इसका मकसद सूचना प्रोद्यौगिकी का उपयोग राज्य में नागरिक सेवाओं के लिये किया जाना है।
इस अवसर पर आईटीडीए निदेशक ने कहा उत्तराखंड में ई-गवर्नेंस के मामले में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। क्षमता संवर्धन के लिए 23 विभागों के नोडल अधिकारियों को इस प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। इसके बाद जनपद स्तर पर प्रशिक्षण का कार्य चलाया जाएगा। जनाधार के जरिये जमीनों के रिकार्ड को आनलाइन किया जा रहा है। ई-टेंडरिंग और ई-पेमेंट की व्यवस्था लागू कर दी है। जन सुविधाएं देने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर खोले जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में बच्चे और मॉ की देखभाल की व्यवस्था भी जल्द ही आनलाइन हो जायेगी। सभी कोषागारों को आनलाइन कर दिया गया है। जीपीएफ खाते और वेतन का विवरण भी आनलाइन उपलब्ध है।
भारत सरकार के पूर्व वरिष्ठ निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी आशीष सन्याल ने बताया कि सुधार की प्रक्रिया में विलंब हो सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया रूकती नहीं है, भारत सरकार ने ई-गवर्नेंस के लिए पूरे देश में 317 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है, आने वाले समय में सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार गांव-गांव तक होगा, इसके लिए हमें पहले से ही तैयार होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अधिकारी अपने अधीनस्थों को ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट के प्रयोग की सलाह दें, फाइल से कागज गायब हो सकते हैं, लेकिन ई-मेल प्रामाणित दस्तावेज हैं, उसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इस अवसर पर  स्टेट ई-गवर्नेंस मिशन टीम के प्रमुख नवीन गर्ग, नेशनल इंस्टीट्यूट फार स्मार्ट गवर्मेंट हैदराबाद के (सेनि) विंग कमांडर एके श्रीनिवास सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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