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भारतीय बच्चों के लिए नार्वे की राजदूत से मिले तरुण विजय

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तरुण विजय और नार्वे की राजदूत एन आलेस्टाड/tarun vijay and norwegian ambassador ann alestad

नई दिल्ली। सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण विजय, नार्वे में वहां की सरकार द्वारा भारतीय बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने के मामले पर भारतीय नागरिकों और विशेषकर भारत के अभिभावकों के आक्रोश को व्यक्त करने दिल्ली में नार्वे की राजदूत एन आलेस्टाड से मिले। तरूण विजय के साथ उनकी पत्नी वंदना बिष्ट विजय अध्यक्ष सामाजिक मानवाधिकार संगठन भी थीं। तरुण विजय और उनकी पत्नी ने नार्वे में अपने माता-पिता से अलग कर दिए गए भारतीय बच्चों के लिए चॉकलेट और खिलौने, नार्वे की राजदूत को दिए।
तरुण विजय ने नार्वे की राजदूत एन आलेस्टाड से कहा कि भारत के लोग एक वर्ष और तीन वर्ष के बच्चों उनके प्राकृतिक माता-पिता से अलग कर केयर सेंटर में जबरन रखने को कानून के हिसाब से सांस्कृतिक बर्बरता और अमानवीय व्यवहार मानते हैं। राजदूत ने कहा कि वे भी एक मां हैं और वे इस मामले में भारतीय माताओं की भावनाएं समझती हैं, लेकिन घटना की पूरी जानकारी नार्वे सरकार के पास गुप्त है, जिसे वे अभी बताने में असमर्थ हैं, लेकिन वे कृपया अपनी सरकार से भी कहें कि भारत के टेलीकॉम क्षेत्र में 3.5 अरब डालर का निवेश किया था, जिसे आप की सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है, इसकी उन्हे चिंता है। इस पर वंदना बिष्ट विजय ने कहा कि अरबों डालर के पूंजी निवेश की चिंता से ज्यादा महत्वपूर्ण मानवीय संबंधों में निवेश का होना ज्यादा जरुरी है, इस पर राजदूत ने कहा कि मैं आपके मां होने का दर्द एक मां होने के नाते समझती हूं और इसे नार्वे सरकार तक पहुचाऊंगी।

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