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नई दिल्ली। एकीकृत सस्ती स्वच्छता योजना शुरू करने का उद्देश्य सभी शुष्क शौचालयों को समाप्त करना और सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा से सफाई कर्मचारियों को मुक्त करना है। इस योजना के अंतर्गत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लोगों के घरों में, जहां शौचालय की सुविधा नहीं है, नए शौचालय बनाए जाने का प्रावधान है।
राज्यों को सभी शुष्क शौचालयों को बदलने के लिए स्वीकृति दे दी गई है और धनराशि भी उपलब्ध करा दी गई है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लोगों के घरों में पानी वाले शौचालयों के निर्माण के लिए जो धनराशि दी जा रही है, उनमें से 1,70,337 नए शौचालयों के निर्माण की परियोजनाओं की स्वीकृति और शतप्रतिशत धनराशि राज्यों को दी जा रही है और राज्यों ने यह जानकारी दी है कि यह कार्य प्रगति पर है। एकीकृत सस्ती स्वच्छता योजना का यह अंतिम वर्ष है और योजना के अनुसार शुष्क शौचालयों को बदलना था। राज्यों ने शुष्क शौचालयों की संख्या के बारे में जो रिपोर्ट दी थी, उन्हें बदलने का लक्ष्य पूरी तरह से प्राप्त कर लिया गया है।