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कर वसूली के लिए सीबीईसी और प्रयास करे

वित्त मंत्री ने बांटे राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार के प्रशस्ति पत्र

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प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति पुरस्कार बाटें/pranab mukherjee presenting the presidential award

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि माल और सेवा कर (जीएसटी) को लाये जाने से देश में अप्रत्‍यक्ष करों के इतिहास में सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण सुधार का दरवाजा खुला है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी, कराधान के मामले में और अधिक सक्षम प्रणाली के तौर पर सामने आएगा और इससे केंद्र और राज्‍यों के कर राजस्‍व में वृद्धि होने की संभावना है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी राज्‍यों के बीच आने वाले अवरोधों को भी दूर करेगा और समूचे देश को एक समान बाजार में परिवर्तित करेगा, एक बार कार्यान्वित हो जाने के बाद जीएसटी देश में अप्रत्‍यक्ष कराधान के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेगा। मुखर्जी बुधवार को मानाभिषेक समारोह के दौरान सीमा शुल्‍क और केंद्रीय उत्‍पाद विभाग के राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार प्राप्‍त 35 अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्ष 2011 के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाने के अवसर पर अपने विचार व्‍यक्‍त कर रहे थे। अधिकारियों में से एक को अपना जीवन जोखि‍म में डालकर सराहनीय और उत्‍कृष्‍टतापूर्ण सेवा करने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सीमा शुल्‍क और उत्‍पाद विभाग ने देश में तेजी से बदलते आर्थिक वातावरण की चुनौतियों को शीघ्रता और सफलता के साथ स्‍वीकार करने की योग्‍यता को दर्शाया है। मुखर्जी ने कहा कि केंद्रीय उत्‍पाद और सेवा कर वापसी के लिए आवश्‍यक ई-फिलिंग की शुरूआत से न सिर्फ यह प्रक्रिया सुविधाजनक हुई है, बल्कि इससे लेन-देन लागतों में भी कमी आई है, इससे विश्‍लेषण और नीति निर्माण के लिए उपयोगी सूचना को जानने में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय उत्‍पाद केंद्र सरकार के अप्रत्‍यक्ष कर राजस्‍व में एक महत्‍वपूर्ण सहयागी है, केंद्रीय उत्‍पाद राजस्‍व पिछले 10 वर्षों में दोगुने से ज्‍यादा हुआ है और यह वर्ष 2000-01 के 68,282 करोड़ से 2010-11 में 1,37,427 करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रत्‍यक्ष करों से प्राप्‍त कुल राजस्‍व का 40 प्रतिशत है। मुखर्जी ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी, 2012 तक केंद्रीय उत्‍पाद से प्राप्‍त कुल अप्रत्‍यक्ष कर संग्रहण 3,17,223 करोड़ रुपये में से केंद्रीय उत्‍पाद कर संग्रहण 1,17,730 करोड़ रुपये है। पिछले वर्षों में सेवा कर राजस्‍व में भी खासी वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2000-01 के मात्र 2612 करोड़ रुपये के राजस्‍व की तुलना में 2010-11 में सेवा कर संग्रहण 70,391 करोड़ रुपये रहा, जो कुल अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह का करीब 20 प्रतिशत है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रत्‍यक्ष कर संग्रहण के लक्ष्‍यों को पूरा करने के लिए और भी उपाय किये जाने की जरूरत है। राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाले सम्माननीय व्‍यक्तियों को शुभकामनाएं देते हुए वित्त सचिव आरएस गुजराल ने कहा कि उनकी उपलब्धियां अन्‍य कार्यरत अधिकारियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बनेंगी। कर्मचारियों के कल्‍याण उपायों पर गुजराल ने कहा कि विभागीय संवर्ग समीक्षा एक माह की अवधि के भीतर हो जाने की संभावना है। सीबीईसी के अध्‍यक्ष एसके गोयल ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी, 2012 तक 3,17,233 करोड़ रूपए का अप्रत्‍यक्ष कर संग्रहण है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। इस समारोह में विभाग के कार्यरत और सेवानिवृत्‍त अधिकारियों के अलावा अनेक गणमान्‍य व्‍यक्‍ति शामिल हुए।

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