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नई दिल्ली। स्वास्थ्य मुद्दों पर भारत और स्वीडन के बीच हुए समझौते ने सफलतापूर्ण सहयोग के तीन वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने नई दिल्ली में स्वीडन के स्वास्थ्य और सामाजिक मामले मंत्री गोरान हागलुंड और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ आगे और भी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। आजाद ने कहा कि जन-स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वीडन से भारत ने बहुत कुछ सीखा है, मातृत्व स्वास्थ्य के आदर्श के तौर पर प्रसूति-विद्या के मामले में अग्रणी स्वीडन से इस क्षेत्र में भारत के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि स्वीडन ने मातृत्व और बाल मृत्यु दर में कमी लाने में सफलता प्राप्त की है और अब स्वीडन में मातृत्व और बाल मृत्यु दर सबसे कम है। आजाद ने कहा कि सूक्ष्म जीव प्रतिरोधक और बुजुर्गों की देखभाल के क्षेत्र में स्वीडन की नीतियां भी प्रमुख रही हैं।
मातृत्व और बाल स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, जन-स्वास्थ्य, अल्कोहल नीति, चिकित्सा और औषधीय उत्पादों, जन-स्वास्थ्य अनुसंधान और संक्रामक रोग नियंत्रण तथा सूक्ष्मजीव प्रतिरोधक जैसे स्वास्थ्य क्षेत्रों में स्वीडन की पहलों में भारत उसकी मदद कर रहा है। आजाद ने यह भी कहा कि आयुर्वेदिक औषधियों के तौर पर पारंपरिक दवाइयों के मामले में भारत का एक प्राचीन इतिहास है और ये आयुर्वेदिक औषधियां पुरानी बीमारियों को मिटाने और रोग निरोधक औषधियों के तौर पर व्यापक रूप से जानी जाती हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में भारतीय और स्वीडन स्वास्थ्य संस्थानों के बीच समन्वय बनाने का सुझाव दिया। बारहवीं योजना के लिए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वीडन की नीति खास तौर पर उचित दामों पर व्यापक स्वास्थ्य सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए भारत स्वीडन से सीखने का इच्छुक है, ताकि जनसंख्या को स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का बराबर लाभ मिल सके।
भारत और स्वीडन के बीच फरवरी़, 2009 में एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते ने सफलतापूर्वक तीन वर्ष पूरे कर लिये हैं और इस दौरान सहयोग के कुछ नये क्षेत्रों की पहचान भी की गई है। तीन वर्षों की इस लघु अवधि में संयुक्त कार्यकारी समूह की चार बैठकों का आयोजन किया गया। पिछली बैठक मई 2011 में स्वीडन में आयोजित की गई थी, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, बुजुर्गों की देखभाल, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन सहित बहुत से क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर स्वीकृति जताई गई थी। बैठक के बाद एनसीडीसी और उसके स्वीडन समकक्ष के बीच एक आशय पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए थे।