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नई दिल्ली। भारत ने एक प्रमुख उपलब्धि और अभूतपूर्व प्रगति के तौर पर जनवरी 2012 में पोलियो के किसी भी मामले के सामने आये बिना एक वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण किया। इस बेमिसाल उपलब्धि को अथक प्रयासों के माध्यम से तब तक जारी रखने की जरूरत है जब तक पोलियो को पूरी तरह जड़ से मिटा नहीं दिया जाता। पोलियो के मामले में भारत के महत्वपूर्ण प्रयासों को आगे बढ़ाने और इससे जुड़े जोखिमों पर ध्यान देने के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा रोटरी क्लब, पोलियो सम्मेलन-2012 का आयोजन कर रहा है। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद करेंगे, जबकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री सुदीप बंदोपाध्याय और एस गांधी सेलवन तथा रोटरी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष कल्याण बनर्जी और द रोटरी फांउडेशन के अध्यक्ष विलियम बॉयड अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 25 फरवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दो दिवसीय ‘पोलियो सम्मेलन 2012’ का उद्घाटन करेंगे।
पोलियो से प्रभावित देश पाकिस्तान और नाईजीरिया तथा पड़ोसी देश श्रीलंका और नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रियों के अलावा दुनिया भर के रोटरी सदस्यों के इस वैश्विक सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है। विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी, प्रधान सचिव, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक और राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी, रोटरी इंटरनेशनल, रोग नियंत्रण और रोगथाम के अमरीकी केंद्र (सीडीसी), विश्व स्वास्थ्य संगठन-राष्ट्रीय पोलियो निगरानी परियोजना और यूनीसेफ जैसे प्रमुख सहयोगी संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में भागीदारी करेंगे। व्यापक पोलियो कार्यबल के प्रतिनिधियों के सहित करीब 1200 सहभागियों के सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है।
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान होने वाले विचार विमर्श में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पोलियो के खिलाफ जारी वर्तमान प्रयासों को इस रोग के पूर्ण उन्मूलन होने तक जारी रखा जाए। भारत में पोलियो के अंतिम ठिकाने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से उनके प्रयासों और चुनौतियों पर किये जा रहे कार्यों के संदर्भ में व्याख्यान पेश किये जाने की उम्मीद है। सम्मेलन से आपसी तालमेल और अनुभवों को सीखने के लिए एक मंच मिलने की भी संभावना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन में पोलियो के सहायक महानिदेशक (आपातकाल) डॉ ब्रऊस एयलवाड हाल ही में पोलियो वायरस के बाहर से आने वाले संक्रमण पर आपातकालीन प्रतिक्रिया के एक अध्ययन मामले के संदर्भ में वैश्विक परिदृश्य और इस पर चीन की प्रतिक्रिया पर अपनी प्रस्तुति देंगे। यह आने वाले वर्षो में भारत के लिए एक प्रमुख रणनीति के तौर पर कारगर होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन का दक्षिणपूर्वी एशिया क्षेत्रीय कार्यालय क्षेत्र में पोलियो मुक्त प्रमाणीकरण को आगे ले जाने और इससे जुड़ी चुनौतियों पर होने वाले विचार विमर्शों का नेतृत्व करेगा।
पोलियो सम्मेलन-2012 भारत में पोलियो को जड़ से मिटाने की प्रतिबद्धता में शामिल सभी प्रमुख भागीदारों जैसे सरकार, दानकर्ता और अग्रणी क्षेत्र के कार्मिकों के लिए रणनीति को नई शक्ति के साथ आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा।