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नई दिल्ली। उत्तराखंड में बड़ी संख्या में सैनिक मतदाताओं के वोट लिफाफे बैरंग वापस होने के मामले को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने अत्यंत गंभीर बताया है और इसके लिए निर्वाचन आयोग कठघरे में खड़ा किया है। अपने दिल्ली प्रवास के मौके पर उत्तराखंड निवास में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड के सैनिक मतदाताओं के लगभग 50 प्रतिशत पोस्टल बैलेट बिना बंटे ही बैरंग वापस क्यों आये? उनका वितरण क्यों नहीं हो पाया? इस कुप्रबंधन के लिए निर्वाचन आयोग पूरी तरह जिम्मेदार है, वरना चुनाव आयोग इस मामले की जांच कराए।
भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि सुदूरवर्ती स्थलों पर तैनात राज्य के 25 हज़ार से अधिक लोगों को पोस्टल मतपत्र मिले ही नहीं, इससे ऐसा लगता है कि केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस, सैनिकों, जवानों और उनके परिजनों को वोट डालने का अवसर देना ही नहीं चाहती, क्योंकि यह सर्वविदित है कि सैनिकों और पूर्व सैनिकों में भाजपा अधिक लोकप्रिय है, अटलजी के शासन काल में सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए अनेक प्रभावी फैसले लिए गए थे। उन्होंने कहा कि कायदे से तो मतदान से ठीक पहले तक भी अगर पोस्टल बैलेट मतगणना केंद्र में पहुंच जाएं तो उनकी गिनती होनी चाहिए, मगर उत्तराखंड में तो 25 हज़ार पोस्टल मतदाता अपना वोट ही नहीं डाल पाएं, क्या यह मामूली घटना है?
कांग्रेस नेता श्रीप्रकाश जायसवाल की उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को वोट न मिलने की सूरत में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खंडूड़ी ने कांग्रेस से पूछा कि यह कैसा लोकतंत्र है, जिसमें इतने बड़े राज्य के जागरूक मतदाताओं को खुली धमकियां दी जा रही हैं? उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस मामले में कांग्रेस पार्टी और उसके उकसाऊ एवं गैर जिम्मेदाराना बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, उन्होंने ऐसी बयानबाज़ी पर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए फिर सवाल किया कि निर्वाचन आयोग हाथ पर हाथ रखे क्यों बैठा है?
भुवन चंद्र खंडूड़ी ने भाजपा की बहुप्रचारित अंतर्कलह के बारे में मीडिया के कई तीखे आरोपों का जवाब देते हुए किसी का नाम लिए बिना कहा कि उत्तर प्रदेश हो या उत्तराखंड या अन्य कोई राज्य, सिर्फ भाजपा ही नहीं, सभी दलों में अनुशानहीनता बढ़ने के कारण ही संवेदनशील मुद्दों पर सतही बयानबाज़ी होती है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद राज्य में मतगणना होने तक रोज़मर्रा के सरकारी कामकाज, रुके हुए काम शुरू कराने, उपलब्ध बजट का समय से सदुपयोग कराने और अपरिहार्य फैसले लेने पर आयोग की कोई रोक नहीं है।
भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि जल्दी ही वह जिलों का फिर से दौरा और वहां चल रहे कार्यों की प्रगति की मौके पर ही समीक्षा करेंगे। उन्होंने उत्तराखंड में अधिक मतदान भाजपा के हक में बताते हुए कहा कि पार्टी के प्रति विश्वास और जोश के वातावरण से ही युवा और महिलाएं आगे आए और ज्यादा मतदान हुआ। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा को पर्याप्त बहुमत अवश्य हासिल होगा।