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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा की अध्यक्षता में रेल मंत्रालय की भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए गठित विशेषज्ञ समूह ने सोमवार को एक समारोह में रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। विशेषज्ञ समूह का उद्देश्य भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के तरीके बताना है, ताकि आर्थिक विकास, आम आदमी की आकांक्षाओं, बदलती प्रौद्योगिकी की जरूरतों और बाजार के विस्तार की चुनौतियों से निपटा जा सके। साथ ही देश की सामाजिक और रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने पर पर्याप्त ध्यान लगाया जा सके।
विशेषज्ञ समूह के अन्य सदस्यों में एचडीएफसी बैंक के चेयरमैन दीपक पारिख, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन एमएस वर्मा, आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर जी रघुराम, आईडीएफसी के प्रबंध निदेशक डॉ राजीव लाल, इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन फीडबैक विनायक चटर्जी और रेलवे बोर्ड के सलाहकार (बुनियादी ढांचा) रंजन जैन शामिल हैं। सैम पित्रौदा ने भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के बारे में शिकागो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेजेंटेशन दी। इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री भरत सिंह सोलंकी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय मित्तल, बोर्ड के सदस्य और विशेषज्ञ समूह के कुछ सदस्य मौजूद थे। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने विशेषज्ञ समूह के सभी सदस्यों खासतौर से सैम पित्रोदा को उनके बेशकीमती योगदान के लिए बधाई दी।
इस रिपोर्ट की कुछ प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं-वर्तमान 19000 किलोमीटर पटरियों का आधुनिकीकरण, तेज गति पर अधिक भार सहने के लिए 11250 पुलों को मजबूत करना, नेवल क्रॉसिंग हटाना, ए और बी मार्गों पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल लागू करना, ट्रेन में सुरक्षा प्रणाली लागू करना, साथ ही सभी अन्य मार्गों पर कैब सिग्नलिंग, ए बी और सी मार्गों पर जीएसएम आधारित मोबाइल ट्रेन नियंत्रण संचार प्रणाली शुरू करना, नई पीढ़ी को इंजन लाना-9000 और 12000 हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन और 5500 हॉर्स पावर के उच्च हॉर्स पावर डीजल इंजन, 160/200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले हाईस्पीड एलएचबी कोच लाना, हाईस्पीड इंटरसिटी यात्रा के लिए ट्रेन के इंजन लाना, अधिक माल ले जाने वाली बोगियां शुरू करना, सभी पैसेंजर ट्रेनों पर ग्रीन शौचालय बनाना, 100 प्रमुख स्टेशनों का आधुनिकीकरण, 34 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स विकसित करना, रियल टाइम सूचना प्रणाली की स्थापना, 342 रेलवे स्टेशनों (58 ए वन श्रेणी और 284 ए श्रेणी) इंटरनेट की सुविधा, निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए रेलवे के विभिन्न इलाकों में पीपीपी मॉडलों और नीतियों को विकसित करना, ताकि स्टेशनों और टर्मिनलों, हाईस्पीड रेलवे लाइनों, उठे हुए रेल कोरिडोर, प्राइवेट मालभाड़ा टर्मिनलों, वैगनों, इंजनों और कोच निर्माण को पट्टे पर देने, बिजली उत्पादन और नवीनीकरण ऊर्जा परियोजनाओं जैसी प्रमुख क्षमताओं को बढ़ाया जा सके, वैश्विक बाजार के लिए आधुनिक रेलवे प्रौद्योगिकियों और रेलवे उपकरणों का विकास, उत्कृष्टता केन्द्र के साथ रेलवे अनुसंधान संस्थान की स्थापना, पटरी और पुलों, सिग्नल, स्टेशनों और टर्मिनलों आदि 15 क्षेत्रों के लिए मिशन मोड दृष्टिकोण लागू करना, पूर्वी और पश्चिमी मालभाड़े गलियारे का निर्माण, अगले 10 वर्ष में 6200 किलोमीटर क्षेत्र में उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, पूर्वी तट और दक्षिणी समर्पित माल भाड़े गलियारे का निर्माण, अहमदाबाद और मुम्बई के बीच 300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार के लिए हाईस्पीड रेलवे लाइन का निर्माण, आईआईटी में रेलवे टैक्नोलॉजी और आईआईएम में रेलवे प्रबंधन में ग्रेजुएट कार्यक्रम पेश करना तथा वर्तमान प्रशिक्षण संस्थानों की समीक्षा व पुनर्गठन, रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन तथा चेयरमैन को सीईओ के रूप में प्रदर्शित करना, पूंजी सुरक्षा और लाभ के लिए जवाबदेही के साथ निवेश फैसले करने में जोनल रेलवे को अधिकार सम्पन्न बनाना, बिजनेस लाइनों और लाभ/लागत केंद्रों के गठन पर लेखा प्रणाली का पुनर्निर्माण, विवाद के निपटारे के लिए एक पीपीपी ओम्बट्समैन की नियुक्ति। विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट भारतीय रेलवे की वेबसाइट www.indianrailway.gov.in पर उपलब्ध है।