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नई दिल्ली। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी तथा छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य में रेल कोरिडोरों के विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय मित्तल तथा छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव सुनील कुमार ने सोमवार को हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री भरत सिंह सोलंकी, बोर्ड के सदस्य एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार एवं रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी क्षेत्र में तीन रेल कोरिडोरों का विकास किया जायेगा जो यात्रियों तथा माल-भाड़ा दोनों के लिए होगा। इसकी कुल लंबाई करीब 452 किलोमीटर है। इनमें एक पूर्वी कोरिडोर में भूदेवपूर-घरघोडा-धरमजयगढ़ कोरबा, घरगोड़ा पर्वत-स्कंध से डोंगा मोहुआ से गारे-पेलमा ब्लॉक की खदानों को जोड़ना शामिल है, इसकी लंबाई करीब 180 किलोमीटर है, दूसरा उत्तरी कोरिडोर-सूरजपुर-पारसा-कटघोरा-कोरबा, इसकी लंबाई करीब 150 किलोमीटर है तथा तीसरा पूर्व-पश्चिम कोरिडोर, गेवरा रोड़ से पेंडरा रोड़ वाया दिपका, कटघोरा, सिंदुरगढ़ इसकी लंबाई करीब 122 किलामीटर है।
इन कोरिडोरों पर विशिष्ट विशेष प्रयोजन व्हीकल (एसपीवीएस) या अन्य उपयुक्त सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से लागू किया जायेगा। रेलवे मंत्रालय इस प्रयोजन के लिए उचित रियायत देगा। रेलवे मंत्रालय इसके अपने स्वयं के या इसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम तथा छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार इसके अपने स्वयं के या इसके अपने नामित एजेंसियों के माध्यम से एसपीवीएस में इक्विटी साझेदार के रूप में भाग लेगा। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार अपनी स्वयं की भूमि मुहैया करायेगी तथा ऐसी भूमि की लागत एसपीवीएस में छत्तीसगढ़ सरकार की इक्विटी के भाग के रूप में होगी।
इन कोरिडोरों का एकत्रीकरण इस तरह से होगा कि क्षेत्र में गांव और शहरों को जोड़ा जाए। पूर्वी कोरिडोर घरघोडा तथा धरमजयगढ़ को जोड़ेगा, उत्तरी कोरिडोर कटघोरा, पारसा एवं सुरजपुर को जोड़ेगा तथा पूर्व-पश्चिम कोरिडोर कटघोरा, पासन एवं सिंदुरगढ़ को जोड़ेगा। छत्तीसगढ़ की सरकार इस परियोजना के लिए पर्यावरण, वन की मंजूरी की प्रक्रिया, ऐसी मंजूरी के लिए आवेदन की तारीख से दो वर्ष की अवधि के भीतर पूरा करने का भरसक प्रयास करेगी। एसपीवीएस इसके गठन से पांच वर्ष की अवधि के भीतर कोरिडोरों का निर्माण कार्य पूरा करेगा।