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नई दिल्ली। चीन के युवा प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में कम्युनिस्ट यूथ लीग की केंद्रीय समिति सचिवालय की सचिव लुओ मेई के नेतृत्व में 500 सदस्य शामिल थे। इस अवसर पर युवा मामले और खेल मंत्री अजय माकन भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। दो बड़े एशियाई देश भारत और चीन इस स्वप्न को वास्तविकता में बदलने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि दोनों देश विश्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन दोनों मिलकर आज की दुनिया में बड़ा परिवर्तन कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवा, दुनिया का भविष्य हैं और दोनों देशों के युवाओं ने अपने-अपने देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने दोनों देशों के युवाओं से कहा कि वह एक-दूसरे के देशों में विभिन्न स्थानों की यात्रा करें, एक-दूसरे की संस्कृति और परंपराओं को समझें, एक-दूसरे के विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करें, सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करें और इन क्षेत्रों में मिलकर काम करें। राष्ट्रपति ने कहा कि चीन के प्रतिनिधिमंडल की भारत के विभिन्न भागों की यात्रा से निश्चित रूप से उनका अनुभव बढ़ेगा, भारत और चीन के संबंधों को और मजबूत बनाने में भविष्य की जिम्मेदारी युवाओं की है और उन्हें यकीन है कि वह अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। उन्होंने चीन के प्रतिनिधिमंडल को भारत की यात्रा को यादगार बनाने की शुभकामनाएं दीं।
अपने स्वागत भाषण में अजय माकन ने कहा कि 11 अप्रैल 2005 का दिन ऐतिहासिक था, जब दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर कर हर साल सौ युवकों के प्रतिनिधिमंडल के एक-दूसरे के यहां जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। उन्होंने इस पहल के लिए भारत सरकार की ओर से चीन की सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह के आदान-प्रदान ने एक-दूसरे के यहां राजदूत पैदा करने में मदद की है। इस अवसर पर खेल विभाग में सचिव सिंधुश्री खुल्लर ने धन्यवाद भाषण दिया।