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नई दिल्ली। भारत के प्रतिरक्षा मंत्री एके एंटनी ने समुद्री डकैती के खतरों को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास करने का आह्वान किया है। राष्ट्रीय नौवहन फाउंडेशन के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए एंटनी ने कहा कि भारत इस बारे में पहले ही संयुक्त राष्ट्र में कुछ प्रस्ताव रख चुका है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती रोकने की विश्व स्तर पर की जा रही कोशिशों में 2008 से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि भारतीय नौसेना जिन जहाजों का मार्गरक्षण करती है, उनमें से 85 प्रतिशत से ज्यादा जहाजों में विदेशी झंडे होते हैं। एके एंटनी ने कहा कि समुद्री डकैती की चुनौती से प्रभावकारी तरीके से निपटने की जरूरत है, हालांकि समुद्री डकैतों को समुद्र में ही निष्प्रभावी किया जा सकता है, वास्तविक समाधान इसकी जड़ में पहुंचकर ही निकाला जा सकता है, जो जटिल है और वास्तव में जमीन पर मौजूद है।
प्रतिरक्षा मंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में विश्व की प्रमुख शक्तियों की सैन्य उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। अटलांटिक और प्रशांत के विपरीत, कुछ बड़ी शक्तियां भौगोलिक दृष्टि से अपने पानी के नजदीक हैं और उन्होंने कुछ सैनिक उपस्थिति बरकरार रखी हुई है और वे इन जल क्षेत्रों में राजनैतिक-कूटनीतिक हितों का पालन कर रहे हैं। एंटनी ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक दल के योगदान पर संतोष व्यक्त किया।