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Thursday 16 May 2019 04:12:21 PM
नई दिल्ली/ देहरादून। भारत सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के रूपमें उत्तराखंड में रूद्राक्ष के वृक्ष लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, एचसीएल फाउंडेशन और इन्टेक के बीच एक समझौता हुआ है। इस परियोजना के तहत उत्तराखंड में गंगा के जलग्रहण क्षेत्र में स्थानीय समुदाय और अन्य हितधारकों के सहयोग से 10,000 रूद्राक्ष के पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए धनोपाजर्न में भी सहायक होगा। इस त्रिपक्षीय समझौते में एचसीएल फाउंडेशन, इन्टेक और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक (वित्त) रोजी अग्रवाल की ओर से मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और परियोजना के कार्यकारी निदेशक जी अशोक कुमार की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए।
स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि नमामि गंगे मिशन का उद्देश्य गंगा के आसपास के 97 शहरों और 4,465 गावों में स्वच्छ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए व्यापक और स्थायी समाधान उपलब्ध कराना है और इसके लिए सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी पहल से बहुत कुछ हासिल हो सकेगा। उन्होंने एचसीएल फाउंडेशन और इन्टेक को इस प्रयास में आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से हाथ मिलाने के लिए बधाई दी। गौरतलब है कि सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे नाम से एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया था।
राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि गंगा संरक्षण की चुनौती बहुक्षेत्रीय और बहुआयामी है और इसमें हितधारकों की भूमिका भी उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के बीच एवं केंद्र और राज्य के बीच समन्वय को बेहतर करने एवं कार्ययोजना की तैयारी में सभी की भागीदारी बढ़ाने के साथ केंद्र और राज्य स्तर पर निगरानी तंत्र को बेहतर करने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों और नदियों के बीच संबंध को बेहतर करने के लिए घाटों के निर्माण, मरम्मत और आधुनिकीकरण का लक्ष्य निर्धारित है।