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Friday 17 May 2019 04:24:14 PM
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल के पहले फायरिंग अभ्यास के साथ ही वायु युद्ध प्रतिरोध क्षमता में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। भारतीय नौसेना के जहाज ने कोच्चि और चेन्नई में पश्चिमी समुद्र तट पर यह अभ्यास किया। अभ्यास के तहत विस्तारित दूरी वाले विभिन्न हवाई टारगेट को इंटरसेप्ट करने के लिए दोनों जहाजों की मिसाइलों को एक ही जहाज से सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया।
मिसाइल फायरिंग का यह अभ्यास भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और इस्रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने संयुक्त रूपसे किया। अभ्यास का सफलतापूर्वक संचालन, सभी हितधारकों द्वारा कई वर्ष से किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है। इस्रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के सहयोग से डीआरडीएल हैदराबाद और डीआरडीओ ने संयुक्त रूपसे इस मिसाइल को विकसित किया है। भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने एमआरएसएएम का निर्माण किया है।
जमीन से हवा में मार करने वाली इन मिसाइलों को कोलकाता वर्ग के विध्वंसकों में लगाया जा सकता है और भारतीय नौसेना के भविष्य के सभी युद्धपोतों में भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सफलता के साथ ही भारतीय नौसेना उस नौसेना समूह में शामिल हो गई है, जिसके पास यह विशिष्ट क्षमता है। भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता अधिक प्रभावशाली हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के लिए भारतीय नौसेना को बधाई दी है और मिशन में शामिल सभी संगठनों एवं उनके वैज्ञानिकों की सराहना की है।