स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 20 May 2019 04:41:32 PM
नई दिल्ली। दशकों तक प्रयोगशालाओं में किए गए गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद आखिर दुनिया के वैज्ञानिकों ने 16 नवंबर 2018 को बीआईपीएम में मापतौल पर आयोजित सम्मेलन में मापतौल की सात अंतरराष्ट्रीय इकाइयों में से चार किलोग्राम भारमापक इकाई, केल्विन तापमापक इकाई, मोल पदार्थ मापक इकाई और एंपियर विद्युत मापक इकाई को विश्वस्तर पर फिरसे परिभाषित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। यह परिभाषा पूरी दुनिया में आज विश्व माप विज्ञान दिवस के दिन से लागू हो रही है। विश्व माप विज्ञान दिवस हर साल 20 मई को मनाया जाता है। वर्ष 1875 को आज ही के दिन दुनिया के 17 देशों के प्रतिनिधियों ने मापतौल की एक सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय इकाई प्रणाली तय करने के लिए मीटर कन्वेन्शन पर हस्ताक्षर किए थे।
सम्मेलन ने वैश्विक सहयोग के माध्यम से नाप तौल विज्ञान और उसकी औद्योगिक, वाणिज्यिक और सामाजिक उपयोगिता की रूपरेखा तय करने का मार्ग प्रशस्त किया था। हालांकि आज के दिन से लागू नई परिभाषा का आम लोग तो कुछ खास अनुभव नहीं कर पाएंगे या यूं कहें कि आम जनजीवन में इसके बदलाव में कुछ खास असर नहीं देखा जाएगा पर इसके बदलाव के सूक्ष्मतम स्तर पर परिणाम व्यापक होंगे। एसआई की परिभाषा में परिवर्तन के परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, उच्च तकनीक निर्माण, मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा, पर्यावरण की सुरक्षा, वैश्विक जलवायु अध्ययन और बुनियादी विज्ञान के क्षेत्रों में सुलभता आएगी। इससे उच्च स्तर पर प्रकृति के वर्तमान सैद्धांतिक वर्णन के आधार पर इकाइयों को दीर्घकालिक, आंतरिक रूपसे आत्मनिर्भर और व्यावहारिक रूपसे प्राप्य होने की उम्मीद है।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शेखर सी मांडे ने नई इकाइयों की परिभाषा तय करने के प्रयासों में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला को बधाई दीहै और कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, इंडस्ट्री 4.0 और अंतरिक्ष में संचार सेवा जैसी भविष्य की कुछ वैश्विक चुनौतियां हैं। ऐसे में भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए इन चुनौतियों से निबटने की तैयारी करना बेहद जरूरी हो गया है। अंतरराष्ट्रीय माप विज्ञान समुदाय और विशेष रूपसे देश का राष्ट्रीय मापन संस्थान विश्व माप विज्ञान दिवस को एक नई शुरुआत के रूपमें मना रहा है। सीएसआईआर और एनपीएल अंतरराष्ट्रीय मापतौल इकाइयों को नए सिरे से परिभाषित किए जाने को व्याख्यानों और कई अन्य कार्यक्रमों के जरिए लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा है।
नई परिभाषित माप इकाइयों के महत्व को स्वीकार करने और राष्ट्रीय स्तर पर इसे पहचान दिलाने की जिम्मेदारी के तहत सीएसआईआर और एनपीएल ने नए सिरे से कई दस्तावेज तैयार किए हैं, जिनमें माप विज्ञान की पहचान, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, माप विज्ञान में इंजीनियरिंग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन तथा राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों के पाठ्यक्रम में नई परिभाषा को समाहित करने के लिए प्रस्तावित बदलाव के सुझाव से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय माप विज्ञान के दिवस के उपलक्ष्य में सीएसआईआर और एनपीएल ने मिलकर ‘अंतरराष्ट्रीय माप इकाइयों की नई परिभाषा और माप विज्ञान से जुड़ी एनपीएल की गतिविधियां’ शीर्षक से एक पुस्तक भी प्रकाशित की है, जिसमें माप इकाइयों की परिभाषा में किए गए बदलावों और भारत की माप विज्ञान अवसंरचना को मजबूत बनाने में एनपीएल की भूमिका की भी विस्तृत जानकारी दी गई है।