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Wednesday 22 May 2019 04:31:25 PM
श्रीहरिकोटा। भारत के पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल यानी पीएसएलवी-सी46 ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर से रिसैट-2बी को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर का यह 72वां लॉन्च व्हीकल मिशन था और फर्स्ट लॉन्च पैड से यह 36वां प्रक्षेपण था। पीएसएलवी-सी46 ने फर्स्ट लॉन्च पैड से उड़ान भरी और 15 मिनट 25 सेकंड के बाद रीसैट-2बी को 556 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया एवं अलग होने के बाद रीसैट-2बी के सौर उपकरण स्वत: तैनात हो गए।
बेंगलुरू में इसरो टेलीमेट्री ट्रेकिंग एंड कमांड नेटवर्क ने रीसैट-2बी को नियंत्रण में ले लिया है। आने वाले दिनों में सेटेलाइट पूर्ण संचालन की स्थिति प्राप्त कर लेगा। रीसैट-2बी का वजन 615 किलोग्राम है और यह रडार इमेजिंग पृथ्वी पर्यवेक्षण सेटेलाइट है। यह सेटेलाइट कृषि, वानिकी और आपदा राहत के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। इस अवसर पर इसरो के चेयरमैन डॉ के शिवन ने मिशन में कार्यरत लॉन्च व्हीकल और सेटेलाइट टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्षेपण के साथ ही पीएसएलवी ने 354 सेटेलाइट लॉन्च किए हैं और 50 टन भार को अंतरिक्ष में पहुंचाया है, इनमें राष्ट्रीय और विदेशी सेटेलाइट शामिल हैं।
इसरो के चेयरमैन डॉ के शिवन ने मिशन में लगाए गए दो हल्के पेलोड-सेमी कंडक्टर लेबोरेट्री चंडीगढ़ के विकसित विक्रम प्रोसेसर तथा इसरो इनरटियल सिस्टम यूनिट तिरुअनंतपुरम के विकसित किफायती एमईएमएस आधारित इनरटियल नेवीगेशन सिस्टम के लिए भी टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि रीसैट-2बी एक आधुनिक पृथ्वी पर्यवेक्षण सेटेलाइट है और इसमें 3.6 मीटर रेडियल रिब एंटिना तकनीक का उपयोग किया गया है। लॉन्च कार्यक्रम को लगभग पांच हजार लोगों ने दर्शक दीर्घा से देखा, जिसे आम लोगों के लिए खुला रखा गया था। इसरो अब चंद्रयान-2 को 9 से 16 जुलाई 2019 के बीच लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। आशा है कि चंद्रयान-2 छह सितम्बर 2019 को चांद पर उतरेगा।