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Tuesday 4 June 2019 03:23:05 PM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने नई दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें लोकसभा चुनाव के अनुभवों को साझा करने के लिए इन अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यनिष्पादन की सराहना करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में अधिकारियों के सामने हाल के चुनाव में अच्छीखासी चुनौतियां सामने आई हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने निजामाबाद में ईवीएम की अभूतपूर्व व्यवस्था, प्रतिकूल मौसम में ओडिशा की चुनौती आदि अप्रत्याशित स्थितियों के बारे में चर्चा करते हुए सफल चुनाव प्रबंधन के लिए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से विशेष तौरपर कहा कि अब मतदाताओं की सुविधा के अनुसार प्रक्रियाओं को और भी सरल बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में चुनाव कराने में विभिन्न राज्यों में अलग-अलग प्रकार की चुनौतियां सामने आती हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्तों से मुख्य निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालयों को सशक्त करने के उपायों के बारे में सलाह देने के लिए कहा है, जिससे उभरती चुनौतियों का समाधान हो सके।
निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के मुद्दे, मतदान केंद्र प्रबंधन, एमसीसी, मतदान प्रक्रिया एवं सामग्री, क्षमता निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, व्यय प्रबंधन, एसवीईईपी और मीडिया कवरेज और चुनाव सुधार सहित विभिन्न निर्वाचन प्रक्रियाओं को शामिल करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और आयोग अधिकारियों के नौ कार्यसमूह गठित किए। सभी समूह संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करके अगस्त 2019 तक व्यवहार्य सुझाव प्रस्तुत करेंगे। राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी अपने संबंधित राज्य के अनुभवों के बारे में रिपोर्ट दाखिल करेंगे। सम्मेलन को निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने लोकसभा चुनाव के सफल संचालन के लिए मुख्य निर्वाचन कार्यालयों, भारत निर्वाचन आयोग के सभी अधिकारियों, क्षेत्रीय निर्वाचन कर्मचारियों को बधाई दी।