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Wednesday 12 June 2019 01:24:04 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने नई दिल्ली में मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के प्रबंध निकाय की 112वीं और 65वीं आमसभा बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने स्वस्थ समावेशी विकास के वातावरण का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार इकबाल, इंसाफ और ईमान की सरकार साबित हुई है और यह समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी विश्वास के प्रति समर्पित है। मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि स्कूली शिक्षा को बीच में ही छोड़ देने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं को शिक्षा और रोज़गार प्रदान करने के लिए देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में संचालित ‘ब्रिज कोर्स’ से जोड़ा जाएगा।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि मदरसा शिक्षकों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर आदि विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे मदरसा के छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग सेवाओं, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आर्थिक रूपसे कमजोर अल्पसंख्यक मुस्लिम, इसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी समुदाय के युवाओं को नि:शुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि शिक्षा, रोज़गार और सशक्तिकरण के माध्यम से अल्पसंख्यकों विशेषकर लड़कियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाएगा, इसके लिए मैट्रिक पूर्व, मैट्रिक बाद और मेधा सह आय समेत विभिन्न छात्रवृत्तियों के माध्यम से अगले पांच वर्ष में पांच करोड़ छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वालों में 50 प्रतिशत बालिकाएं होंगी। इसमें अगले पांच वर्ष के लिए दस लाख बेगम हजरत महल बालिका छात्रवृत्ति शामिल हैं।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के तहत स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, बालिका छात्रावास, आवासीय विद्यालय, जनसुविधा केंद्र आदि का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि पूरे देश के उन क्षेत्रों में पढ़ो-बढ़ो जागरुकता अभियान चलाया जाएगा, जहां लोग सामाजिक और आर्थिक वजहों से अपने बच्चों को विशेषकर लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान बालिकाओं की शिक्षा पर विशेषतौर पर केंद्रित होगा और जागरुकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक, लघु फिल्में, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाएगा। यह अभियान देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में लांच किया जाएगा।