स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 13 June 2019 05:02:11 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाले केंद्रीय भाषायी संस्थानों के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने संस्कृत, हिंदी, उर्दू, सिंधी, तमिल सहित भारतीय भाषाओं के विकास के लिए समर्पित संस्थानों को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया। डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि भारतीय भाषाओं को सशक्त करना हमारा लक्ष्य है और इसके लिए संस्थानों एवं विद्यालयों में रिक्त पदों को शीघ्रातिशीघ्र भरना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने निर्देश दिया कि एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केंद्रीय भाषायी संस्थानों के प्रमुखों की लगातार समीक्षा बैठक होती रहनी चाहिए, जिससे भारतीय भाषाओं के विकास को लगातार गति मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक प्रशिक्षित संस्कृत अध्यापकों की जरूरत है। उन्होंने संस्कृत भाषायी संस्थानों से कहा कि वे संस्कृत भाषा को नया आयाम दें, ताकि इसके माध्यम से हम दुनिया तक संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार कर सकें। एचआरडी मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाओं के विकास के बारे में नए तरीके से सोचने की आवश्यकता है, इसके लिए नए शोध और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जरूरत है, जिससे ये भाषाएं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीयजगत में अपनी पहचान बना सकें।
डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि भारतीय भाषाओं के साहित्य का अन्य सभी भाषाओं में अनुवाद होना चाहिए, ताकि सबको श्रेष्ठ साहित्य उपलब्ध हो सके और लोगों में आपसी तालमेल भी सुदृढ़ हो। उन्होंने सुझाव दिया कि हिंदी प्रचारिणी सभाओं और स्थानीय भाषाओं के बीच में बेहतर समन्वय से सभी भारतीय भाषाओं का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आनेवाले वर्ष में भाषाभवन के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सभी भारतीय भाषाओं को संवर्धित करने वाले विभागों को एकसाथ लाया जाएगा और इससे सभी भारतीय भाषाओं में बेहतर समन्वय स्थापित होगा। समीक्षा बैठक में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय धोत्रे और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।