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Friday 14 June 2019 05:17:33 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल, डॉ राममनोहर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन, यूनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के शिष्टमंडल से मिले। शिष्टमंडल ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा की घटनाओं के बारे में डॉ हर्षवर्धन को बताया। डॉ हर्षवर्धन ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे डॉक्टरों के साथ होने वाले अभद्र व्यवहार तथा उनपर हमले की घोर निंदा करते हैं और इस बारे में वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श करेंगे। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में आंदोलन को सद्भावपूर्ण रूपसे समाप्त करने और डॉक्टरों को सुरक्षित कामकाजी माहौल सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल से देशभर में मरीजो को कठिनाई उठानी पड़ रही है और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह अस्पतालों को सुरक्षा प्रदान करने के बारे में गृह मंत्रालय से बातचीत करेंगे और इस विषय में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्यमंत्रियों से भी चर्चा करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके और डॉक्टरों को सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्यों को सभी आवश्यक एहतियाती उपाय करने चाहिएं, ताकि माहौल शांतिपूर्ण रहे और डॉक्टर तथा चिकित्सा संस्थान हिंसा और हमले के भय के बिना अपना कर्तव्य निभा सकें। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य डॉक्टरों एवं मरीजों के लिए सुरक्षित तथा सद्भावपूर्ण माहौल सुनिश्चित करेंगे। सभी डॉक्टरों विशेषकर पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों से अपील करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि डॉक्टरों को साधारण और सांकेतिक तरीके से विरोध करना चाहिए, एक चिकित्सा पेशेवर के रूपमें उनका कर्तव्य मरीजों के अधिकारों की रक्षा करना है, हड़ताल विरोध का बेहतर तरीका नहीं है, मरीजों को तत्काल और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
डॉ हर्षवर्धन ने मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों से भी आग्रह किया कि वे डॉक्टरों को काम करने और पेशेवर लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थन दें और हिंसा का सहारा न लें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर समाज के अभिन्न अंग हैं और अक्सर तनावपूर्ण तथा कठिन स्थितियों में कार्य करते हैं। उन्होंने मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों से संयम बरतने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्य सरकारों से अपील की कि वे हिंसा की घटनाओं की जांच त्वरित रूपसे की करें, ताकि समयबद्ध रूपमें अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।