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Friday 22 March 2013 06:31:00 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खां ने कतिपय विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण की शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाया है। नगर विकास व अल्पसंख्यक कल्याण विभागों एवं इनसे जुड़ी अन्य संस्थाओं के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को छोड़कर अन्य सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को अब अपनी स्वयं की तथा उन पर आश्रित पुत्र, पुत्रियों एवं पत्नी की चल-अचल संपत्ति व बैंक में जमा धनराशि तथा अन्य बेनामी संपत्ति का पूरा ब्यौरा एक घोषणा-पत्र के साथ अनिवार्य रूप से 15 दिनों के अंदर नगर विकास मंत्री को प्रस्तुत करना होगा।
इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास एवं सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण को एक पत्र में निर्देश देते हुए आज़म खां ने लिखा है कि जो अधिकारी, कर्मचारी अपनी चल-अचल संपत्तियों की घोषणा नहीं करना चाहेंगे, उन पर कोई दबाव नहीं होगा, लेकिन उनके संबंध में जांच हेतु आर्थिक अपराध शाखा को लिखा जाएगा। इस पत्र की प्रति उन्होंने मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को भी भेजी है।
नगर विकास मंत्री ने पत्र में लिखा है कि समाज व सामाजिक व्यवस्था में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार का कोई संज्ञान लें या न लें, किंतु उनका यह दायित्व है कि वह अपने विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के आचरण का संज्ञान लें। उन्होंने लिखा है कि चुनाव के समय सभी प्रत्याशियों के लिए अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा विवरण देना अनिवार्य है और उन्होंने स्वयं भी अपनी चल-अचल संपत्ति घोषित की है। उन्होंने लिखा है भ्रष्ट आचरण के चलते विभागों की छवि खराब हो रही है, इसलिए जरूरी है कि सभी विभागीय अधिकारियों से उनकी सभी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा घोषित कराया जाए।