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Monday 17 June 2019 12:35:33 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को सुचारू रूप से संचालित करने और लोगों के कल्याण के मुद्दों पर संसद में सभी दलों के नेताओं से सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र-2019 की पूर्व संध्या पर राज्यसभा और लोकसभा में सदन के नेताओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित संसद सदस्यों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि संसद के कामकाज में रचनात्मक उत्साह और ऊर्जा का संचार होगा। नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया कि आत्म निरीक्षण करना चाहिए कि क्या संसद सदस्य जनप्रतिनिधि के रूप में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हैं? उन्होंने कहा कि हम देश के लोगों के लिए हैं और संसद की कार्यवाही को बाधित करके हम उनका दिल नहीं जीत सकते। उन्होंने कहा कि सभी दलों को राजनीतिक मतभेद अलग रखने चाहिएं और राष्ट्र की प्रगति के लिए अथक परिश्रम करना चाहिए। इसके बावजूद संसद के पहले सत्र में ही बड़े हंगामे के आसार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के साथ सहयोग करने और 2022 तक नया भारत बनाने तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सही अर्थ को हासिल करने का आह्वान किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार संसद और संसद के बाहर सभी राजनीतिक दलों के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करती है और संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार है। बैठक में विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने भी कई मुद्दे उठाए और बिना रुकावट के संसद के दोनों सदनों को सुचारू रूपसे चलाने के लिए तथा गतिरोध रहित रचनात्मक चर्चा के लिए सभी पार्टियों के नेताओं में आम सहमति व्यक्त की गई। सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने सभी दलों से संसद के दोनों सदनों के सुचारु कामकाज के लिए सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री की दो नई पहलों की भी मीडिया को जानकारी दी।
प्रहलाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के प्रारंभ होने के अवसर पर 19 जून को संसद में प्रतिनिधित्व देने वाले सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है तथा 20 जून को सभी संसद सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है। इन बैठकों में शामिल होने वाले नेता सरकार के साथ खुली बातचीत और विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार यह नई शुरुआत है, जिससे सभी संसद सदस्यों में टीम भावना का विकास होगा और इससे संसद की कार्यवाही सुचारु रूपसे सुनिश्चित हो सकेगी। प्रहलाद जोशी ने बताया कि यह पहला सत्र और बजट सत्र सरकारी कामकाज की शर्तों के अधीन 26 जुलाई 2019 को समाप्त हो सकता है। इस सत्र की 40 दिन की अवधि में लोकसभा की 30 बैठकें और 37 दिन की अवधि में राज्यसभा की 27 बैठकें होंगी। यह सत्र मुख्यरूपसे शपथ ग्रहण, लोकसभाध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव, केंद्रीय बजट 2019-20 से संबंधित वित्तीय कामकाज के लिए समर्पित होगा, सत्र में आवश्यक विधायी और गैर विधायी कार्य भी होंगे।
भारतीय संविधान की धारा 356 के अंर्तगत राष्ट्रपति द्वारा जम्मू और कश्मीर के संबंध में 19 दिसंबर 2018 को जारी की गई उद्घोषणा के विस्तार 2019 तक मंजूर किया जाना आवश्यक है। भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 4 जुलाई 2019 को संसद में पेश किया जाएगा। केंद्रीय बजट 5 जुलाई 2019 को लोकसभा में प्रातः 11 बजे पेश किया जाएगा। अंतर सत्र अवधि में 10 अध्यादेशों की घोषणा हुई है। इनके स्थान पर संसद के अधिनियम पारित किए जाएंगे, क्योंकि नए संसद सत्र के प्रारंभ होने के छह सप्ताह अर्थात 1 अगस्त 2019 के बाद ये स्वतः समाप्त माने जाएंगे। पिछली लोकसभा के सत्रावसान होने से 46 विधेयकों की अवधि समाप्त हो चुकी है, जो विभिन्न चरणों में दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तावित थे। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पुनः संसद के पटल पर रखा जा रहा है। सर्वदलीय बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, संसदीय कार्य, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल तथा संसदीय कार्य एवं विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन और अन्य नेता उपस्थित थे।