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ड्राईवरों की शैक्षिक योग्यता की शर्त हटाई गई

केंद्रीय सड़क ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग मंत्रालय का निर्णय

सड़क सुरक्षा हेतु चालक की कौशलता ज्यादा जरूरी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 18 June 2019 06:45:58 PM

truck driver

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रांसपोर्ट वाहनों को चलाने के लिए चालक की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता को हटाने का निर्णय लिया है। सड़क ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग मंत्रालय का कहना है कि शैक्षिक योग्यता की जरूरत चालकों की उपलब्धता में बाधक बनी हुई है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 8 के तहत वाहन चालक के लिए 8वीं पास होना जरूरी है, लेकिन देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बेरोज़गार व्यक्तियों की बड़ी संख्या है, जिनके पास औपचारिक शिक्षा नहीं है, लेकिन वे ट्रांसपोर्ट वाहनों को चलाने में साक्षर और कुशल हैं। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की एक बैठक में हरियाणा सरकार ने मेवात क्षेत्र के आर्थिक रूपसे पिछड़े चालकों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त को हटाने का अनुरोध किया था।
हरियाणा में मेवात में लोगों की आजीविका कम आय वाले साधनों पर निर्भर करती है, जिसमें वाहन चलाना भी शामिल है। हरियाणा सरकार ने यह अनुरोध किया था कि इस क्षेत्र में अधिकांश लोगों के पास आवश्यक कौशल तो है, लेकिन आवश्यक शैक्षिक योग्यता नहीं है, इसलिए इन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिलना मुश्किल हो रहा है। यह महसूस किया गया है कि शैक्षिक योग्यता की तुलना में वाहन चलाने की कौशलता अधिक महत्वपूर्ण है। केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का भी कहना है कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त योग्य बेरोज़गार युवाओं के लिए एक बड़ी बाधा बनी हुई है, इस आवश्यकता को हटाने से बड़ी संख्या में बेरोज़गार व्यक्तियों, विशेषकर युवाओं के लिए देश में रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे, इस निर्णय से ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई क्षेत्र में लगभग 22 लाख ड्राईवरों की कमी को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। ड्राईवरों की न्‍यूनतम शैक्षिक योग्‍यता की आवश्‍यकता हटाते हुए मंत्रालय ने प्रशिक्षण और कौशल की परीक्षा पर जोर दिया है, ताकि सड़क सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता न हो।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्‍यक्ति के लिए कड़ी कौशल परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार इस बात पर बल दिया है कि किसी स्‍कूल या प्रतिष्‍ठान द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि चालक संकेतों को पढ़ने, लॉजिस्टिक ड्यूटी जैसेकि ड्राइवर लॉग्स का रखरखाव करने, ट्रकों और ट्रेलरों का निरीक्षण करने, प्रीट्रिप और पोस्टट्रिप रिकॉर्ड प्रस्तुत करने, कागजी कार्रवाइयों की विसंगतियों का निर्धारण करने, सुरक्षा संबंधी खतरों को रिपोर्ट करने के लिए कुशल संचार कर पाने में सक्षम हो। इतना ही नहीं व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल सुविधाएं प्रदान करने वाले स्कूल और प्रतिष्ठान राज्यों के नियामक नियंत्रण के अधीन हैं, इसलिए प्रदान किए जाने वाला प्रशिक्षण किसी विशेष प्रकार के मोटर वाहन के चालन संबंधी सभी पहलुओं को कवर करते हुए उच्‍च गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए।
उल्‍लेखनीय है कि उच्‍चतम न्‍यायालय ने दीवानी अपील संख्‍या 2011 की 5826-मुकुंद देवगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्‍य में 3 जुलाई 2017 को सुनाए अपने फैसले में हल्के मोटर वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले में निर्देश दिए थे कि हल्के मोटर वाहनों की श्रेणी का लाइसेंस होने की स्‍थि‍ति में ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। मंत्रालय मोटर वाहन संशोधन विधेयक में शैक्षिक योग्‍यता की आवश्‍यकता हटाने का प्रस्‍ताव पहले ही कर चुका है, जिसे पिछली लोकसभा में पारित किया जा चुका है। इस विषय पर संसद की स्‍थायी समिति और चयन समिति ने भी विचार-विमर्श किया था। इसके मद्देनज़र सड़क ट्रांसपोर्ट एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन 1989 के नियम 8 में संशोधन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है और इस बारे में अधिसूचना भी जल्‍द ही जारी कर दी जाएगी।

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