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Wednesday 19 June 2019 03:41:19 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की उच्चतम परंपराओं के अनुसार सत्रहवीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूपमें ओम बिरला के सर्वसम्मति से चुने जाने का स्वागत किया है। आज लोकसभा में ओम बिरला को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन के अध्यक्ष के रूपमें इतना विशिष्ट व्यक्तित्व का होना सभी सदस्यों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि ओम बिरला वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं, छात्र नेता के रूपमें शुरुआत करते हुए वह निरंतर समाज की सेवा करते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कोटा राजस्थान के बदलाव और समग्र विकास में ओम बिरला की भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया। उन्होंने ओम बिरला की सेवा के प्रति समर्पण और भूकंप के बाद कच्छ में पुनर्निर्माण के प्रयासों तथा बाढ़ के बाद केदारनाथ के लिए किए गए उनके योगदान भी रेखांकित किए। उन्होंने कहा कि सत्रहवीं लोकसभा को अध्यक्ष के रूपमें एक सहृदय नेता मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला को आश्वासन दिया कि उन्हें सदन की कार्यवाही के सफलतापूर्वक संचालन में सदस्यों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष पद पर चयन हेतु अभिनंदन भाषण देते हुए कहा कि ओम बिरला को इस पद पर आसीन होते हुए देखना सदन के सभी सदस्यों के लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि ओम बिरला ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूपमें छात्र आंदोलन से निकल करके युवा मोर्चा संगठन में करीब 15 साल तक जिले में, राज्य में और राष्ट्रीय स्तरपर काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोटा शिक्षा का काशी बन गया है, करियर एवं शैक्षिक प्राथमिकता में कोटा युवाओं की खास पसंद है, कोटा राजस्थान का छोटा सा शहर है, जो आज एक प्रकार से लघु भारत बन गया है और कोटा का यह परिवर्तन जिस नेतृत्व के योगदान और पहल से हुआ है वो हैं ओम बिरला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर राजनीतिक जीवन में हम लोगों की एक छवि बनी रहती है कि हम चौबीसों घंटे राजनीति करते हैं, उठा-पटक करते हैं, तू-तू-मैं-मैं करते हैं, कौन हारे-कौन जीते इसी में लगे रहते हैं, लेकिन उसके अलावा एक सच्चाई होती है, जो कभी-कभी उजागर नहीं होती। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश ने अनुभव किया है कि राजनीतिक जीवन में जितना अधिक मात्रा में सामाजिक सेवा का अनुपात रहता है, समाज में स्वीकृति ज्यादा मिलती है, कट्टर राजनीति का जमाना करीब-करीब चला जा रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि ओम बिरला वो शख्सियत हैं, जिनका जनप्रतिनिधि के नाते राजनीति से जुड़ना स्वाभाविक था, लेकिन उनकी पूरी कार्यशैली समाजसेवा केंद्रित ही रही। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब गुजरात में भयंकर भूकंप आया, वे बहुत लंबे समय तक कच्छ में रहे, अपने इलाके के युवा साथियों को लेकर कोई भी स्थानीय व्यवस्था का उपयोग न करते हुए अपनी व्यवस्थाएं जो भी उपलब्ध थीं, उनके आधार पर उन्होंने सेवाकार्य किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक व्रत लिया था कि कोटा में कोई भूखा नहीं सोएगा, उन्होंने एक प्रसादम योजना की शुरुआत की और यह आज भी चल रही है, प्रसादम योजना के तहत जनभागीदारी से भूखे लोगों को ढूंढ-ढूंढ करके उनको खाना खिलाना यह उनका काम बन गया था, इसी प्रकार से ग़रीब है, कपड़े नहीं हैं तो परिधान योजना बनाई। एक प्रकार से उन्होंने अपनी राजनीति का केंद्रबिंदू जनांदोलन से ज्यादा जनसेवा को बनाया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनके ये प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष को विश्वास दिलाया कि सदन की गरिमा बनाए रखने में हम सभी योगदान देंगे।