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Friday 21 June 2019 02:22:20 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली के जनपथ भवन में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के पेंशनभोगियों के लिए स्थापित एकीकृत शिकायत प्रकोष्ठ एवं कॉल सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य पेंशनभोगियों को सहूलियत सुनिश्चित करना है। उन्होंने पेंशनभोगी कल्याण से जुड़े कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत भी की और पेंशनभोगियों की प्रतिक्रियाओं से अवगत हुए। डॉ जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के लिए कॉल सेंटर बनाने की पहल पर कहा कि यह सरकार के प्रथम 100 दिन में पेंशन विभाग की बड़ी घोषणाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि इससे पेंशनभोगियों की शिकायतों को सुलझाने के अलावा पूरी प्रक्रिया में मूल्यवर्धन करने में मदद मिलेगी, क्योंकि पेंशनभोगी धीरे-धीरे फीडबैक के रूपमें आवश्यक जानकारियां और सुझाव प्रदान करेंगे, जो आगे चलकर विभाग के लिए मददगार साबित होंगे।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र बुजुर्ग पेंशनभोगियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए विभाग पर दबाव बनाने का भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बीते पांच वर्ष में पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए अनेक पहल की हैं और पेंशन विभाग इसके साथ ही पेंशनभोगियों को सहूलियत सुनिश्चित करने से जुड़ी विभिन्न अभिनव पहलों को लेकर और ज्यादा सक्रिय एवं ध्यान केंद्रित हो गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने गवर्नेंस में आसानी सुनिश्चित करने से जुड़ी पहलों जैसेकि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, अनुभव और भविष्य के बारे में भी बताया। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि ये केंद्र भविष्य में लाभप्रद भूमिका निभाएंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने 18 सितंबर 2018 को आयोजित अखिल भारतीय पेंशन अदालत का भी उल्लेख किया, जो वर्ष में एक दिन पेंशनभोगियों को समर्पित करने से जुड़ा एक प्रयास था और ये अदालतें सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सहित देशभर में समस्त मंत्रालयों और विभागों में संचालित की गई थीं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में अपना जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए बैंकों के बाहर लाइन में लगे वरिष्ठ और बीमार पेंशनरों को अनुभव हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए विभाग ने 8 शहरों में पेंशनरों के संघों को शामिल करो और ऐसे पेंशनरों का 'डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र घर से प्राप्त करो’ एक पायलट पहल शुरु की, जिसके अंतर्गत नोएडा, दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, मुंबई, मैसूर, वडोदरा, तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु में यह पायलट कार्यक्रम आयोजित किया गया था। राज्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल दिसंबर तक वृद्ध पेंशनरों के घरों से 2,480 जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त किए गए थे और इस साल यह सुविधा 8 से बढ़ाकर 20 शहरों में कर दी जाएगी, इनमें हैदराबाद, रांची, भुवनेश्वर, जयपुर, त्रिशूर, कोलकाता, कटक, चेन्नई, गुवाहाटी, मदुरै, बालासोर, जालंधर, अहमदाबाद, इलाहाबाद और पुणे शहर प्रमुख हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि डिजिटलीकरण की दिशा में पेंशन विभाग का देश में बनाया गया ‘भविष्य’ सॉफ्टवेयर एक प्रमुख कदम था, इसका उद्देश्य सभी नागरिक मंत्रालयों और भारत सरकार के विभागों द्वारा पेंशन के मामलों की जांच के लिए एक साझा मंच बनाना है, यह सॉफ्टवेयर सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाया है, जो इससे पहले एक ही प्लेटफॉर्म पर विकेंद्रीकृत थे।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज तक 792 कार्यालयों में पेंशन के कागजात सेवानिवृत्त व्यक्ति के मुख्यालय से वेतन और लेखा कार्यालय और वहां से सीपीएओ तक इलेक्ट्रॉनिक रूपसे जा रहे हैं, वर्तमान में 6950 डीडीओ ‘भविष्य’ के बोर्ड में हैं और लगभग 35,000 सेवानिवृत्त होने वाले, सेवानिवृत्त हुए एवं पारिवारिक पेंशनरों के पेंशन मामलों की जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि इस अनुप्रयोग ने अभी तक लगभग 1,00,000 कर्मचारियों के मामलों की जांच की है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्रालयों और विभागों में परिवर्तन के बाद ‘भविष्य’ ने केंद्रशासित प्रदेशों और दिल्ली पुलिस प्रशासन के तहत काम कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को शामिल करने के लिए अपना विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप के साथ ऑनलाइन सीपेनग्राम प्रणाली डाक द्वारा प्राप्त शिकायतों का भी पंजीकरण कर रही है और यह अतीत में प्राप्त हुई शिकायतों को भी प्रभावी रूपसे दूर कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली में पेंशनरों का विश्वास बढ़ गया है, जिसके कारण सीपेनग्राम के माध्यम से वे अपनी शिकायतों को हल कर रहे हैं। हालांकि यह कॉल सेंटर सुविधा मुख्य रूपसे केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के लिए बनाई गई है, लेकिन राज्य सरकार के सेवानिवृत्त पदाधिकारी भी अपनी पेंशन संबंधी शिकायतों के लिए यहां फोन कर रहे हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि इस प्रणाली का उद्देश्य शिकायतों को आसानी से पंजीकृत करने और अच्छे शासन के प्रयास के रूपमें उसका समाधान कार्य को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग और पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग में सचिव केवी ऐपन और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।