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Tuesday 2 July 2019 05:57:03 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कृषि में सहकारी क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए जनांदोलन का आह्वान किया है। आज नई दिल्ली में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले के बारे में जानकारी देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सहकारिता क्षेत्र की वास्तविक संभावनाओं का उपयोग करने के लिए वाणिज्य और कृषि मंत्रालय के एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। पीयूष गोयल ने किसानों और कृषि आधारित उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद कृषि और किसान कल्याण मंत्री के साथ उनकी तीन विचार-विमर्श बैठक हुई हैं, जिनमें उन्होंने 2024-2025 तक कृषि निर्यात को 2.7 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग सात लाख करोड़ रुपये करने के ढांचे को स्थापित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी घोषणा की कि भारत में सहकारी समितियों के लिए आदान-प्रदान मंच के रूपमें सहकारिता क्षेत्र निर्यात संवर्धन फोरम की स्थापना की जाएगी। किसानों के सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान का स्मरण करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि कृषि, सरकार का एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आईआईसीटीएफ एक विशिष्ट अवधारणा और अवसर है, जो कृषि सहकारिता के व्यापक आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर ले जाएगा। कार्यक्रम में राजधानी दिल्ली में 11 से 13 अक्टूबर तक होने वाले आईआईसीटीएफ का ब्रोशर और एक लोगो भी जारी किया गया। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि व्यापार मेले में जनजातीय सहकारी समितियों को विशेष छूट दी जाएगी। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव संजय अग्रवाल और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।