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Tuesday 2 July 2019 06:38:35 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को सलाह दी है कि सभी प्रदेशों के हायर सैकेंडरी या इंटरमीडिएट बोर्डों को यह सिफारिश जारी करने पर विचार किया जाना चाहिए कि जो शिक्षा बोर्ड अपने परिणाम ग्रेडों में जारी करते हैं उन्हें साथ ही में अंक भी जारी करने चाहिएं, जिससे प्रतिशत के आधार पर विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों को आवेदन करने में सरलता हो। आज उपराष्ट्रपति ने मानव संसाधन विकास मंत्री को संसद भवन में अपने कक्ष में बुलाकर इस मुद्दे पर उनसे गहन विचार-विमर्श किया। इससे पहले आंध्र प्रदेश के कुछ छात्रों ने उपराष्ट्रपति से मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय में उनके प्रवेश में आ रहे व्यवधान से उन्हें अवगत कराया था।
आंध्र प्रदेश के इंटरमीडिएट बोर्ड ने 2017-18 से प्रथम वर्ष के लिए ग्रेडिंग प्रणाली लागू की थी, जो 2018-19 के द्वितीय वर्ष के लिए भी लागू रही। ग्रेडिंग प्रणाली के तहत छात्रों को हर विषय में ग्रेड दिए जाते हैं, चूंकि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश अंकों के प्रतिशत के आधार पर मिलता है, अत: इन छात्रों ने यह मुद्दा उपराष्ट्रपति के समक्ष उठाया। कुछ दिन पहले उपराष्ट्रपति ने संबंद्ध अधिकारियों को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की समस्या से अवगत कराने के निर्देश भी दिए थे। उपराष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस विषय पर संबंद्ध अधिकारियों से चर्चा भी की थी।
उपराष्ट्रपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ योगेश कुमार त्यागी और छात्र कल्याण के डीन प्रोफेसर राजीव गुप्ता से भी इस समस्या पर विस्तृत चर्चा की। कुलपति ने उपराष्ट्रपति को विश्वास दिलाया कि छात्रों के हितों का संरक्षण किया जाएगा और प्रवेश अंकों के प्रतिशत के आधार पर दिया जाएगा न कि ग्रेड या सीजीपीए के आधार पर। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंध्र प्रदेश के छात्रों को ईमेल तथा एसएमएस के माध्यम से सूचित किया है कि वे इंटरमीडिएट बोर्ड से अपने अंकों को डाउनलोड करके उसे दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन के साथ अपलोड करें।