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Wednesday 3 July 2019 01:46:32 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में 2017 बैच के लगभग 160 आईएएस अधिकारियों से बातचीत की। इन अधिकारियों को हाल ही में भारत सरकार में सहायक सचिव नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री ने मसूरी में प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों के समूह के साथ हुई अपनी बैठक का स्मरण किया। अधिकारियों ने बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री से फील्ड प्रशिक्षण से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने मसूरी में अपने कक्षा प्रशिक्षण सत्रों के साथ इन अनुभवों को जोड़ा। आकांक्षी जिलों में काम करने वाले अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों में हाल ही में की गई विभिन्न पहलों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इन अधिकारियों की आगामी तीन माह की भारत सरकार के साथ संबद्धता को बेहद महत्वपूर्ण और सुविचारित प्रक्रिया का अंग बताया। उन्होंने कहा कि इस अवधि में प्रत्येक अधिकारी के पास नीति निर्धारण को प्रभावित करने का अवसर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए नई दृष्टि, नए विचार और नए दृष्टिकोण के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार के कामकाज में नवीनता और ताजगी लाना है। उन्होंने कहा कि अनुभवों का संगम और ताजगी व्यवस्था के लिए लाभदायक होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी खुद को सौंपे गए कार्यों के प्रति नए और जनकेंद्रित दृष्टिकोण अपनाएं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिकारियों को जो जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, उन्हें उनके पूर्ण समाधान तलाशने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी अनुरोध किया कि वे दिल्ली में जो काम करेंगे, उसे फील्ड में प्राप्त किए गए अपने अनुभवों से जोड़ें। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव डॉ सी चंद्रमोली, प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री के निर्देशों पर पांच साल पहले शुरु की गई थी, इस वर्ष 2017 बैच के 169 आईएएस अधिकारियों को विभिन्न मंत्रालयों से सम्बद्ध किया गया है, इनमें 27 प्रतिशत महिला अधिकारी हैं और कुल औसत आयु 28-29 वर्ष है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों में 111 अधिकारी इंजीनियरिंग तथा 20 अधिकारी मेडिकल पृष्ठभूमि के हैं, इससे इन्हें डिजिटल इंडिया और आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं को बेहतर रूपसे समझने में मदद मिलेगी। सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और उपलब्धियों का चित्रण करने वाली एक दृश्य श्रव्य फिल्म भी इस दौरान दिखाई गई। ज्ञातव्य है कि सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत में सिविल सेवाओं का निर्माता माना जाता है।