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Wednesday 3 July 2019 01:49:48 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा है कि आनेवाले कुछ महीने में व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से आईटी क्षेत्र लगभग ढाई लाख नए रोज़गार जुटाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा ताकत को वास्तव में कुशल बल में बदलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का विजन है। विश्व कौशल भारत इंटरनेशनल क्लाउड कम्प्यूटिंग चैलेंज-2019 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल प्रौद्योगिकी में तेजी से हुई प्रगति भारत को 2018 के 2.5 बिलियन डॉलर के स्तर से 7.2 बिलियन डॉलर तक ले जा सकती है, इसका कारण क्लाउड कम्प्यूटिंग, टीओटी, बिग डाटा, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन, कौशल विकास और प्रशिक्षण के विभिन्न 52 क्षेत्रों में स्वस्थ्य समापन है।
कौशल विकास मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने उम्मीद जाहिर की कि आनेवाले वर्षों में भारत आईटी क्षेत्र में सबसे अधिक विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा। उन्होंने युवाओं से आधुनिक ज्ञान और कौशल के माध्यम से चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने का आह्वान किया। महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि देश की 62.5 प्रतिशत आबादी 15 से 59 वर्ग के बीच की है, जिसे डिजिटल इंडिया के विजन को पूरा करने के लिए एक सबसे अधिक प्रगतिशील कार्यबल बनने के लिए उचित मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
नेस्कॉम के चेयरमैन केशव मुरुगेश ने सरकार से डाटा संरक्षण विधेयक जल्द से जल्द संसद में पारित कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विश्व कौशल भारत कार्यक्रम पहलीबार देश में आयोजित किया जा रहा है, जो वैश्विक प्रतिभा की पहचान करने का एक अवसर है, यह नेटवर्किंग और नए मित्र बनाने के लिए जल्द ही एक मंच बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आनेवाले 3-4 महीने में 2 मिलियन लोगों को डिजिटल प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित किया जाएगा। जापान, चीन, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, रूस, सिंगापुर, बेल्जियम और आयरलैंड के अनेक प्रतिभागी नेस्कॉम के तत्वावधान में क्लाउड कम्प्यूटिंग प्रतिस्पर्धा में भाग ले रहे हैं।