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Monday 8 July 2019 12:28:35 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोगों के जीवनस्तर में सुधार और समृद्धि को बढ़ाने के लिए अनूठे विचारों और नवाचारों को प्रोत्साहन देने हेतु एक राष्ट्रीय नवाचार आंदोलन के सृजन का आह्वान किया है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समारोह में गांधीवादी युवा तकनीकी नवाचार पुरस्कार 2019 प्रदान करने के पश्चात संबोधन में वेंकैया नायडू ने कहा कि एक नए और समावेशी भारत का निर्माण करने के लिए समाज के हर वर्ग में उपस्थित व्यापक प्रतिभाओं को आकार और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने युवा वैज्ञानिकों से सरल, कम लागत किंतु उच्चतकनीक वाले नवाचारों को विकसित करने का आग्रह किया, ताकि आमजन प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, रोगों, कम लाभदायक कृषि और न्यूनदक्षता वाली औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसी चुनौतियों से निपट सके और अधिक आरामदायक जीवनयापन कर सके।
उपराष्ट्रपति ने एक उदाहरण देते हुए तेलंगाना के बुनकर चिंतकंडी मल्लेशम की एक अभिनव स्वदेशी मशीन का उल्लेख किया, जिसके माध्यम से एक साड़ी की बुनाई छह घंटे की जगह डेढ़ घंटे में की जा सकती है। चिंतकंडी मल्लेशम को उनके आविष्कार के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया है और उनकी इस यात्रा और उपलब्धि पर एक फिल्म भी बनाई गई। उपराष्ट्रपति ने नवाचार प्रदर्शनी का भी दौरा किया और आमजन के लिए इन नवाचारों की उपयोगिता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी की यात्रा उनके लिए बेहद आशाजनक रही है और इन नवाचारों के उपयोग से देश निकट भविष्य में तेजी से आर्थिक विकास और तकनीकी उपलब्धि हासिल करेगा। कृषि को अधिक व्यवहार्य और टिकाऊ बनाने के लिए जैवप्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों को और अधिक बल देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, पोषण, पर्यावरण जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के अलावा पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन, जैवविविधता संरक्षण जैसे संबद्ध क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
वेंकैया नायडू ने 2025 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की योजना पर कहा कि अर्थव्यवस्था को इस स्तरपर लेजाने वाले इंजन स्टार्टअप और डिजिटलीकरण होंगे। इस संदर्भ में उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक स्कूल और कॉलेज को नवाचार विभागों की स्थापना करनी चाहिए और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने समग्र परिवर्तन के लिए 117 आकांक्षापूर्ण जिलों की पहचान की है और युवा इनोवेटर्स को उन जिलों में परिवर्तन लाने के लिए जन आंदोलनों का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के आह्वान का उल्लेख करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि इस संदेश का अर्थ अत्यंत व्यापक है और उन्हें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री ने एक महान परिवर्तक के रूपमें कार्य किया है। उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के टाइम मैगज़ीन में दिए गए वक्तव्य का भी स्मरण किया, जिसमें बराक ओबामा ने नरेंद्र मोदी को 'रिफॉर्मर-इन-चीफ' कहा था। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का परिवर्तन लोगों के जीवन की उन्नति के लिए है और नवाचार इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रशिक्षित और सक्षम युवा भारत में नवाचार के अग्रदूत बनने चाहिएं, इस दिशा में उन्हें अपने कौशल को बढ़ाने और नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने युवाओं से अनूठी सोच और समस्या समाधान के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए पुनर्सुधार शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली के गठन का भी आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने डिजिटल इंडिया और अटल टिंकरिंग लैब्स जैसी सरकारी योजनाओं का अच्छा उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत के वैश्विक नवाचार केंद्र के रूपमें उभरने के लिए ये योजनाएं समय की आवश्यकता हैं। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन, बीआईआरएसी एसआईटीएआरई के अध्यक्ष डॉ आरए माशेलकर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ रेनू स्वरूप, प्रोफेसर अनिल के गुप्ता, सीएसआईआर भटनागर फेलो और संस्थापक हनी बी नेटवर्क उपस्थित थे।