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Monday 15 July 2019 02:22:07 PM
अटारी/ नई दिल्ली। भारतीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने अटारी में करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर दूसरे दौर की चर्चा के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि करतारपुर साहब गलियारे के परिचालन के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श का दूसरा दौर पाकिस्तान के वाघा में हुआ, जिसमें भारतीय शिष्टमंडल में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल, पंजाब सरकार के सचिव हुसनलाल, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्य महाप्रबंधक मनेश रस्तोगी, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, पंजाब सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि बैठक में करतारपुर साहब गलियारे पर तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रारूप करार एवं तौर-तरीकों तथा गलियारे के लिए विकसित किए जा रहे बुनियादी ढांचे पर चर्चा हुई। बैठक में मार्च, अप्रैल एवं मई 2019 में आयोजित तकनीकी बैठकों के तीन दौरों में हुई प्रगति की समीक्षा भी की गई। उन्होंने क्रासिंग प्वाइंट और जीरो प्वाइंट निर्देशांकों की पुष्टि की जिन पर तकनीकी स्तरपर सहमति जताई गई थी।
संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान द्वारा उनकी तरफ प्रस्तावित मिट्टी से भरे बांध वाली सड़क या सेतु मार्ग के परिणामस्वरूप डेराबाबा नानक और भारतीय पक्ष से सटे हुए क्षेत्रों में संभावित बाढ़ को लेकर चिंता जताई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इन चिंताओं को रेखांकित करने के लिए पाकिस्तान के साथ विस्तृत बाढ़ विश्लेषण साझा किया, यह भी स्पष्ट रूपसे संप्रेषित किया कि मिट्टी वाले बांध या सेतु मार्ग से रहवासियों के लिए समस्याएं पैदा होंगी और इसका निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। भारत ने अपनी तरफ बनाए जा रहे पुलों का विवरण साझा किया और पाकिस्तान से भी उनकी तरफ पुल बनाए जाने का आग्रह किया गया, इससे पूरे साल गुरूद्वारा करतारपुर साहब के पवित्र स्थान पर तीर्थ यात्रियों की सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी। पाकिस्तान ने सिद्धांत रूपसे जल्द से जल्द पुल बनाने पर सहमति जताई। पुरानी रावी की छोटी नदी पर पाकिस्तान की तरफ एक लंबित पुल निर्माण को देखते हुए भारत ने गलियारे को नवंबर 2019 में गुरूनानक देवजी के 550वें जन्म शताब्दी के ऐतिहासिक महत्व के देखते हुए पुल को संचालनगत बनाने के लिए अंतरिम रूपसे व्यवस्था करने की पेशकश की।
भारत ने पाकिस्तान से तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे वर्ष गुरूद्वारा करतारपुर साहब की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आग्रह दोहराया और कहा कि हमारी तरफ से संभावित उच्च मांग को देखते हुए प्रतिदिन गलियारे का उपयोग करते हुए 5,000 तीर्थयात्रियों को गुरूद्वारा करतारपुर साहब की यात्रा करने की अनुमति दी जाए, विशेष अवसरों पर 10,000 अतिरिक्त तीर्थ यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाए, पंथ के लिहाज से तीर्थ यात्रियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, न केवल भारतीय नागरिक, बल्कि ओसीआई कार्डधारक भारतीय मूल के व्यक्ति को भी करतारपुर गलियारा सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी जाए, आवाजाही वीजा मुक्त होनी चाहिए और पाकिस्तान को कोई भी शुल्क या परमिट प्रणाली लागू करने पर पुनर्विचार करना चाहिए, तीर्थ यात्रियों को पूरे वर्ष सातों दिन यात्रा करने की अनुमति मिलनी चाहिए, तीर्थ यात्रियों के पास अकेले में या समूह में जाने का विकल्प होना चाहिए और उनके लिए लंगर, प्रसाद का निर्माण एवं वितरण होना चाहिए। तीर्थ यात्रियों के लिए सुरक्षित माहौल के महत्व को रेखांकित किया जाए, पाकिस्तान को इससे संबंधित एक डोजियर सुपुर्द किया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए करतारपुर साहब गुरूद्वारा में दूतावास संबंधी सुविधा की भी मांग की।
भारत सरकार ने भारत की तरफ एक पैसेंजर टर्मिनल, जो एक दिन में 15,000 से अधिक तीर्थ यात्रियों का संचालन कर सकता है सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। पाकिस्तान ने अपनी तरफ बुनियादी ढांचे से संबंधित बाधाओं को रेखांकित किया और कहा कि वह चरणबद्ध तरीके से कई भारतीय प्रस्तावों को समायोजित कर सकता है। दोनों ने संवाद का माध्यम बरकरार रखने एवं करतारपुर साहब गलियारे को अंतिम रूप देने की दिशा में कार्य करने पर सहमति जताई। यह सुनिश्चित करने के लिए कि करतारपुर गलियारे के लिए निर्बाध संपर्क समय से संचालनगत हो जाए, जिससे कि नवंबर 2019 से तीर्थयात्रा आरंभ हो सके, तकनीकी टीमों की एकबार फिरसे बैठक आयोजित की जाएगी। करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए पंजाब के डेराबाबा नानक में 500 करोड़ रुपये के पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। निर्माण कार्य प्रतिष्ठित कंपनी एमएस शापूरजी एवं पल्लोंजी प्राइवेट लिमिटेड लैड पोर्ट ऑथारिटी ऑफ इंडिया गृह मंत्रालय की देखरेख में कर रही है। नवंबर 2019 में श्रीगुरु नानकदेव की 550वीं जयंती पर इस परियोजना को 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। करीब 15 एकड़ जमीन पर पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है, इसमें प्रतिदिन लगभग 5,000 यात्रियों को आसानी से गुजरने के लिए सभी सार्वजनिक सुविधाएं होंगी।
पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स की विशेषताएं हैं कि यह पूरी तरह से वातानुकूलित इमारत 16000 वर्गमीटर यानी लगभग 13000 वर्गमीटर भूतल + 3000 वर्गमीटर मध्यतल होगी। मुख्य इमारत जो हवाईअड्डे की इमारतों के समान है, इसमें प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 54 अप्रवासी काउंटर, 2000 तीर्थयात्रियों के बैठने की पर्याप्त क्षमता, सभी आवश्यक सार्वजनिक सुविधाएं जैसे कियोस्क, वॉशरूम, चाइल्ड केयर, प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, प्रार्थना कक्ष और मुख्य भवन के अंदर स्नैक्स काउंटर, 10 बसों, 250 कारों और 250 दो पहिया वाहनों के लिए विशाल पार्किंग स्थल, सीसीटीवी निगरानी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ मजबूत सुरक्षा प्रणाली, जल निकायों के साथ लैंडस्केप क्षेत्र, कलाकृतियों, स्थानीय संस्कृति की मूर्तियां, बैठने की जगह, कैनोपी, शून्य बिंदु तक बेंच, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक 300 फीट का राष्ट्रीय ध्वज इत्यादि हैं। इसके जल्द निर्माण हेतु 250 से अधिक मजदूर और 30 इंजीनियर 3 शिफ्टों में काम कर रहे हैं तथा बैच मिक्सिंग प्लांट मशीनरी की सहायता से पैसेंजर टर्मिनल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पूरे परिसर की नींव की खुदाई का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है, जबकि मुख्य यात्रीभवन के लिए प्लिंथ और कॉलम आरसीसी पहले ही शुरु हो चुका है। विभिन्न गतिविधियों को एकसाथ पूरा करने के लिए समानांतर रूप से काम किया जा रहा है। प्लिंथ, नींव और स्तंभों का निमार्ण साइट पर किया जाएगा, जबकि बाकी इस्पात संरचना को अन्य स्थानों पर कारखानों में बनाया जाएगा और सीधे साइट पर ले जाकर स्थापित किया जाएगा। मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्यों के लिए वेंडर और उपकेंद्रों को अंतिम रूप दिया गया है और छत के लिए स्टील संरचना, ग्लेज़िंग और एल्यूमीनियम शीटिंग के आदेश दिए गए हैं। एयर कंडीशन, हीटिंग और वेंटिलेशन के विक्रय को भी अंतिम रूप दिया गया है।
समृद्ध पंजाबी विरासत श्रीगुरुनानक देव के जीवन और कार्यों के प्रदर्शन के लिए तथा अत्याधुनिक भवन की संरचना के लिए अमृतसर के आर्किटेक्चर स्कूलों से परामर्श लिया गया है। गुरदासपुर-अमृतसर हाईवे से डेराबाबा नानक को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाले चार लेन राजमार्ग पर निर्माण कार्य जोरों पर है, 4.19 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग को 120 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। भारत सरकार ने 22 नवंबर 2018 को करतारपुर साहिब कॉरिडोर परियोजना के विकास को मंजूरी दी थी और 26 नवंबर 2018 को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इसकी आधारशिला रखी थी। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 14 जनवरी 2019 को शुरु की गई और 21 मई 2019 को संपन्न हुई। अबतक परियोजना का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और राजमार्ग 30 सितंबर 2019 तक पूरा हो जाएगा। भारत की ओर पुल का सबस्ट्रक्चर निर्माण कार्य यानी की पाइलिंग, पाइल कैप को पूरा किया गया है, गियर्स कास्टिंग के काम के साथ पियर्स और पियर्स कैप कास्टिंग का काम चल रहा है। परियोजना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तानी तकनीकी टीम के साथ अब तक तीन तकनीकी स्तर की वार्ता हो चुकी हैं, जिसमें जीरो प्वाइंट निर्देशांक, सड़क समाप्त स्तर, जीरो प्वाइंट पर पुल की चौड़ाई आदि पर चर्चा हुई। पाकिस्तान की ओर से शुरु में तटबंध और बाद में पक्की सड़क प्रस्तावित की गई है, लेकिन ये दोनों विकल्प स्वीकार्य नहीं हैं, क्योंकि बाढ़ की स्थिति में भारत की तरफ रिहाइशी इलाकों को खतरा होगा और सभी मौसमों में सड़क भी मुहैया नहीं होगी।