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Tuesday 16 July 2019 12:28:33 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण बिल (संसोधन) 2019 को लोकसभा में मंजूरी मिल गई है, अब इसे राज्यसभा में पारित कराना है, इस संसोधन के बाद एनआईए को और भी शक्तियां मिल जाएंगी एवं देश के बाहर भी भारतीयों के खिलाफ होने वाले आतंकवादी हमलों की जांच के अधिकार मिल जाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे राज्यसभा में समर्थन देने की अपील की है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि पोटा कानून को भंग करना उचित नहीं था, इसके खत्म करने से देश में आतंकवाद इतना बढ़ा कि स्थिति काबू में नहीं रही है। गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने वाली किसी एजेंसी को और ताकत देने की बात हो और सदन एक मत न हो तो इससे आतंकवाद फैलाने वालों का मनोबल बढ़ता है, इसलिए मैं सभी दलों के लोगों से कह रहा हूं कि ये कानून देश में आतंकवाद से निपटने में सुरक्षा एजेंसी को ताकत देगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पोटा को भंग करना उचित नहीं था, ये पूर्व के सुरक्षा बलों के अधिकारियों का भी मानना है, इससे आतंकवाद इतना बढ़ा कि स्थिति काबू में नहीं रही इसीलिए एनआईए को लाने का फैसला किया गया। गृहमंत्री ने कहा कि हमें उन विधवाओं और उन परिवारों की भी चिंता है जो आतंकवाद के कारण प्रभावित हुए हैं और होते आ रहे हैं। अमित शाह ने बताया कि एनआईए विशेष कोर्ट को डेजिग्नेट करने से उस कोर्ट के जज के स्थानांतरण आदि के कारण कोर्ट खाली नहीं रहेगी और समय पर केस का निपटारा हो पायेगा। उन्होंने संसद में कहा कि एनआईए अदालत के जजों की नियुक्ति संबंधित कार्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही करते रहेंगे, जिस तरह अभी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विषय पर केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और दोनों में तालमेल रहेगा।
एनआईए की उपयोगिता सिद्ध करते हुए गृहमंत्री ने बताया कि एनआईए ने 272 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की थी, इनमें 52 मामलों में फैसले आए और 46 में दोषसिद्धी हुई, 99 मामलों में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। गृहमंत्रीने सदन को बताया कि एनआईए का रिकॉर्ड 90 परसेंट सफलता का है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भी उत्कृष्ट है। अमित शाह ने कहा कि समझौता ब्लास्ट में कुछ लोगों को पकड़ा गया था, भारत के अलावा अमेरिकन एजेंसियों ने भी कहा कि इन लोगों ने समझौता ब्लास्ट किया, किंतु पकड़े गए लोगों को छोड़ा गया, उसके बाद दूसरे लोगों को पकड़ा गया। गृहमंत्री ने कहा कि यह पूछा जाना चाहिए था कि जिन्होंने ब्लास्ट किया था उनको क्यों छोड़ा गया और किसके कहने पर छोड़ा गया। अमित शाह ने कहा कि जब आप किसी के खिलाफ उंगली करते हैं तो एक उंगली उसके खिलाफ होती है, किंतु अपनी तरफ भी चार उगलियां इशारा करती हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद ना तो लेफ्ट होता है ना राइट होता है, केवल आतंकवाद होता है, इसके खिलाफ लड़ने की देश की सरकार, संसद और सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है, अगर एनआईए बिल पर संसद बंट गई तो आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा। अमित शाह ने सदन में मांग की कि एनआईए संशोधन बिल पर डिवीजन होना चाहिए, ताकि देश को यह मालूम हो कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन आतंकवाद के खिलाफ। संसद में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि राज्य की एजेंसिया एनआईए के साथ मिलकर कार्य करेंगी, किंतु राज्य सरकार के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। उनका कहना था कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिये राज्य तथा केंद्र के बीच सामंजस्य होना चाहिए। जी किशन रेड्डी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म और जाति नहीं होती, यह मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करेगी।