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Monday 22 July 2019 05:33:37 PM
श्रीहरिकोटा। आंध्र प्रदेश के सतीश धवन सेंटर श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 ने आज दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर सफलतापूर्वक उड़ान भरी और प्रक्षेपण हो गया। अंतरिक्ष में भारत का यह एक और ऐतिहासिक कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित संसद के दोनों सदनों, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षामंत्री राजनाथ सिह, गृहमंत्री अमित शाह और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह आदि ने चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर चंद्रयान-2 मिशन के विज्ञानियों और इसरो को बधाई दी है। गौरतलब है कि भारत के इस मिशन पर देशभर की नज़रें टिकी थीं, क्योंकि 15 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था, जिसे तकनीकी दिक्कत के चलते टाल दिया गया था। आखिरकार आज उसे सफलतापूर्वक जीएसएलवी-मार्क-3 रॉकेट से छोड़ दिया गया।
चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष ने अपने सभी विज्ञानियों के साथ प्रसन्नता का इज़हार किया, जिसमें सारे देश ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। रविवार शाम से ही चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती जारी थी। छह सौ चालीस टन का यह चंद्रयान-2 है, जिसे रॉकेट पृथ्वी की वलयाकार कक्षा में जाने के लिए उड़ा है। चन्द्रयान-2 भारत का अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है, जो सतत प्रगति की ओर अग्रसर है। अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अनुसार चंद्रयान-2 पृथ्वी की 23 दिन तक परिक्रमा करेगा और 48वें दिन 7 सितम्बर को यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर जाएगा। चंद्रयान-2 मिशन से इसरो को चंद्रमा के विकास से जुड़े रहस्यों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी, इसके अलावा चंद्रयान 1 के जरिए की गई खोज को और भी ज्यादा विस्तार से खोजबीन करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से चंद्रयान-2 मिशन जीएसएलवीएमके 8 के प्रक्षेपण के साक्षी बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-2 के लांच पर अपने संदेश में कहा है कि यह विशेष पल है, जो हमारे गौरवशाली इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है, चंद्रयान-2 के लांच से भारत के विज्ञान में नई ऊंचाइयां छूने के लिए हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता और 130 करोड़ भारतीयों की प्रतिबद्धता प्रकट होती है, आज हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि हृदय से भारतीय भावना से हर भारतीय के लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि चन्द्रयान-2 पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा के धरातल का विश्लेषण करने के लिए चंद्रयान-2 में चंद्रमा के संबंध में दूर संवेदन के लिए एक आर्बिटर तथा लैंडर-रोवर मॉड्यूल होगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 इसलिए भी विशिष्ट है, क्योंकि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का अध्ययन और जांच करेगा, जहां अभी तक कोई भी खोज नहीं हुई है, इस क्षेत्र से नमूने भी कभी नहीं लिए गए हैं, इस मिशन से चंद्रमा के बारे में नई जानकारियां मिलेंगी। चंद्रयान-2 जैसे प्रयासों से हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को विज्ञान, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा, चंद्रमा के बारे में हमारे मौजूदा ज्ञान में बहुत वृद्धि होगी।