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भारत-गिनी में आर्थिक संबंध हुए और मजबूत

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

गिनी की राष्ट्रीय विकास योजनाओं को भारत का समर्थन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 3 August 2019 01:39:12 PM

delegation level talks in conakry republic of guinea

कॉनक्री/ नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बेनिन, गाम्बिया और अंतिम चरण में गिनी की यात्रा पर राजधानी कॉनक्री पहुंचे, जहां उनकी जोरदार अगवानी हुई। वह गिनी की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कॉनक्री हवाईअड्डा पहुंचने पर गिनी के राष्ट्रपति प्रोफेसर अल्फा कॉनडे ने उनका भव्य रस्मी स्वागत किया। रामनाथ कोविंद ने गिनी के राष्ट्रपति अल्फा कॉनडे के साथ चर्चा के दौरान भारत और गिनी के बीच राजनीतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत ने गिनी के साथ अपने संबंधों को अहमियत देते हुए इस साल जनवरी में कॉनक्री में भारतीय दूतावास खोला है। राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर वार्ता का भी नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि भारत, गिनी की राष्ट्रीय विकास योजना के समर्थन में गिनी के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत ने क्षेत्रीय अस्पतालों, ऊर्जा, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्रों में गिनी द्वारा चिन्हित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, भारत ने कॉनक्री जलापूर्ति परियोजना के लिए 170 मिलियन डॉलर की नई ऋण सहायता की पेशकश की है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत, गिनी के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है एवं भारत की वृद्धि और गिनी की प्राकृतिक ताकत एक दूसरे के पूरक हैं, भारतीय कंपनियां विशेष रूपसे खनन, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और औषधि निर्माण क्षेत्रों में गिनी में निवेश करने की इच्छुक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, विशेषकर पश्चिम अफ्रीकी देशों में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों से निपटने सहित अफ्रीकी संघ के मामलों में गिनी की अग्रणी भूमिका की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा है और हमें इसके खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
रामनाथ कोविंद और राष्ट्रपति प्रोफेसर अल्फा कॉनडे ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, जवाबदेह, पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए उसके सुधारवादी बहुपक्षवाद और व्यापक सुधारों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। राष्ट्रपति प्रोफेसर अल्फा कॉनडे ने 2021- 2022 अवधि के लिए संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूपमें भारत की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन व्यक्त किया। दोनों समझौता आदान-प्रदान के साक्षी बने। गिनी और भारत सरकार के बीच दवा की पारंपरिक प्रणाली और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग समझौता हुआ। ई-वीबीएबी नेटवर्क परियोजना में भागीदारी के लिए गिनी सरकार और टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर गिनी सरकार और भारत सरकार के बीच समझौता हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गिनी के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में आयोजित भोज में भी शिरकत की।

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