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Saturday 3 August 2019 04:25:57 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने प्रोग्राम गवर्नेंस बोर्ड की बैठक में स्किल इंडिया की संकल्प योजना के शासन के लिए शीर्ष निकाय मंत्रालय के विश्वबैंक ऋण सहायता प्राप्त 'आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण एवं अभियान जागरुकता संकल्प' कार्यक्रम की समीक्षा की। बैठक में उन्हें जानकारी दी गई कि देशभर के सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों ने 'संकल्प योजना' में प्रतिभागिता के लिए अपनी सहमति प्रस्तुत कर दी है और मंत्रालय ने नौ राज्य आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश को प्रथम वर्ष के लिए कुल राशि भी जारी कर दी है। इन राज्य अनुदानों के अतिरिक्त अकांक्षापूर्ण कौशल निर्माण अभियान के तहत 117 आकांक्षी जिलों को 10 लाख रुपए प्रत्येक जारी किए गए हैं। कौशल डेटा के संग्रह एवं कवरेज के लिए संकल्प के तहत स्किल इंडिया पोर्टल एक मजबूत आईटी प्रणाली भी विकसित की गई।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने उल्लेख किया कि जिला कौशल निर्माण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि कौशल निर्माण को लेकर युवाओं की अवधारणा में सुधार लाने की आवश्यकता है और सुझाव दिया कि जिला कौशल समिति को अपने जिलों में युवाओं को परामर्श देने में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सांसदों को जिला कौशल समिति के प्रदर्शन एवं उनके जिलों में विभिन्न कौशल निर्माण प्रयासों की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण इस प्रणाली का एक प्रमुख संघटक है और इसे सुदृढ़ बनाए जाने की आवश्यकता है। राज्यमंत्री राजकुमार सिंह ने डॉ महेंद्रनाथ पांडेय के सुझावों को आगे बढ़ाते हुए उल्लेख किया कि कौशल प्रशिक्षण केंद्रों के पास गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना होनी चाहिए और प्रत्याक्षियों को जारी प्रणामपत्र का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संकल्प मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के कौशल निर्माण प्रयासों को समंवित करने में सहायता कर सकता है। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टरों और भौगौलिक क्षेत्रों की कौशल निर्माण आवश्यकताओं की मांग का मानचित्रण किया जाना चाहिए।
संकल्प कौशल विकास उद्यमिता मंत्रालय का एक परिणाम आधारित केंद्रीय प्रायोजित कार्यक्रम है, जिसका विशेष फोकस विकेंद्रित, विनियोजन एवं गुणवत्ता सुधार पर है। यह केंद्रीय एवं राज्य दोनों ही एजेंसियों को शामिल करते हुए समग्र कौशल निर्माण प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करता है। संकल्प का उद्देश्य राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के अधिदेश को कार्यांवित करना है। संकल्प के तहत चार प्रमुख परिणाम क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनके नाम है-राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर संस्थागत सुदृढ़ीकरण, कौशल विकास कार्यक्रमों का गुणवत्तापूर्ण आश्वासन, कौशल विकास में अधिकार विहीन आबादी का समावेश एवं सार्वजनिक निजी साझेदारी के जरिए कौशलों को विस्तारित करना। कौशल मंत्रालय ने जिलास्तर पर कौशल योजना को बढ़ावा देने के लिए जिला कौशल विकास योजना पुरस्कार नाम से एक पुरस्कार का गठन किया है, इसके तहत पूरे देश में 225 जिलों ने अपना डीएसडीपी प्रस्तुत करके इसमें सहभागिता की है, इसमें से 25 जिलों को उनका डीएसडीपी प्रस्तुत करने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया गया है। अंतिम मूल्यांकन किया जा रहा है और इसी के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ डीएसडीपी को पुरस्कृत किया जाएगा।