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Monday 5 August 2019 02:20:19 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने आज अखंड भारत का एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 से आज़ाद कर दिया है और यह फैसला जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के इस्लामिक ज़ेहाद पर भी भारत की ओर से एक करारा प्रहार है। जम्मू-कश्मीर की अनुच्छेद 370 से आज़ादी पर देशभर में जश्न का माहौल है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 के अंतर्गत दो संकल्प और दो बिल विचार तथा पारण के लिए प्रस्तुत किए, जिनमें 370 (1) के प्रावधानों के अनुसार जम्मू और कश्मीर के लिए संविधान का अध्यादेश 370 (3) के अनुसार 370 को खत्म करने का संकल्प, जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन के लिए विधेयक और जम्मू-कश्मीर में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का बिल। गृहमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि घाटी के लोगों को भी 21वीं सदी के साथ जीने का अधिकार है, धारा 370 के कारण सरकार की विकास परियोजनाएं और कानून वहां तक नहीं पहुंच पाता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के युवाओं को अच्छा भविष्य देना चाहती है, उनको अच्छी शिक्षा, अच्छा रोज़गार देना चाहती है, उनको संपन्न बनाना चाहती है, ताकि भारत के दूसरे हिस्सों का जिस प्रकार विकास हुआ है, उसी तरह की घाटी का भी विकास हो।
गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन है और उस अधिकार के तहत राष्ट्रपति के संविधान आदेश 2019 पर संसद के राज्यसभा सदन में जम्मू-कश्मीर के लिए प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि धारा 370 तो पहले से ही अस्थाई है और अस्थाई व्यवस्था को 70 साल तक खींचा गया है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से अनुच्छेद 370 के सिर्फ खंड एक को छोड़कर अन्य खंड लागू नहीं होंगे, इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के लिए भी प्रस्ताव रखा तथा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के साथ अलग केंद्रशासित प्रदेश बनेगा, जबकि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की बात की। उन्होंने प्रस्ताव का विरोध करने वाले सदस्यों से पूछा कि जब ऐतिहासिक रूपसे केंद्रीय धन का अधिकतम हिस्सा जम्मू-कश्मीर को दिया गया, उसके बाद भी यह बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं, रोज़गार अवसर आदि जैसे विकास कार्यों में क्यों नहीं परिलक्षित हुआ है? राज्य देश के अन्य राज्यों की तरह विकसित क्यों नहीं हो पाया है?
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए युवावर्ग का उपयोग किया जा रहा है और राज्य के युवाओं की उपेक्षा करते हुए मुट्ठीभर अभिजात वर्ग ने इन निधियों से व्यक्तिगत लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने लिंग, वर्ग, जाति और मूल स्थान के आधार पर धारा 370 के प्रावधानों को भेदभावपूर्ण करार दिया। बिल का विरोध करने वाले सदस्यों से उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक कारणों से शोर शराबा न करें, बल्कि धारा 370 से देश को कितना नुकसान हो रहा है इस बात पर चर्चा करें। अमित शाह ने कहा कि जम्मू, कश्मीर, लद्दाख और विशेषकर घाटी को धारा 370 से क्या-क्या नुकसान हुए हैं, इस बात की किसी ने परवाह नहीं की। उनका कहना था कि धारा 370 के कारण घर-घर में गरीबी दिखाई दे रही है। गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सदैव ही जम्मू-कश्मीर को प्रति व्यक्ति ज्यादा धन उपलब्ध कराया फिर भी विकास की गति नहीं बढ़ पाई। केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया करोड़ों रुपया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
अमित शाह ने कहा कि धारा 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में शिक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं हो पाई, यह धारा महिला विरोधी, गरीब विरोधी, आदिवासी विरोधी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र प्रफुल्लित नहीं हुआ, भ्रष्टाचार बढ़ा और चरमसीमा पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि धारा 370 के हटने से किसी को कोई मतलब नहीं है, वहां भ्रष्टाचार की जांच चल रही है, इसलिए इतना हो हल्ला हो रहा है। अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में निजी निवेश के दरवाजे खोले जाएंगे, जिससे वहां विकास की संभावना बढ़ेगी, निवेश में वृद्धि से रोज़गार सृजन में वृद्धि होगी और राज्य में सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचे में और सुधार होगा। उन्होंने कहा कि भूमि खरीदने से निजी लोगों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से निवेश आएगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। अमित शाह ने सदन में आश्वाशन दिया कि उचित समय पर केंद्रशासित प्रदेश से राज्य का दर्जा दिया जाएगा।