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Monday 5 August 2019 07:12:59 PM
नई दिल्ली। भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों का दूसरा अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन आज नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय केंद्र में हुआ, जिसका आयोजन सरकारी संचार को विस्तृत बनाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत समस्त मीडिया इकाइयों का व्यापक एकीकरण प्राप्त करने की दृष्टि से किया गया। सम्मेलन के अंतर्गत एकीकृत और थीम आधारित संचार दृष्टिकोण को अपनाने, सोशल मीडिया का क्षेत्रीय विस्तार और एकीकृत डैशबोर्ड का उपयोग करने, सरकारी संचार के प्रभाव के आकलन संबंधी प्रारूप को अपनाने, गुरुनानक की 550वीं वर्षगांठ, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के स्वर्ण जयंती संस्करण को मनाने की योजना पर सत्र आयोजित हुए। सम्मेलन के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत मीडिया इकाइयों के कार्य निष्पादन की समीक्षा भी की गई।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सम्मेलन के प्रतिनिधियों को अपना संदेश दिया, जिसमें उन्होंने आईआईएस अधिकारियों को सरकार की आंख और कान करार देते हुए सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों की जानकारी देने के साथ-साथ फीडबैक के महत्व पर भी प्रकाश डाला। प्रकाश जावड़ेकर ने उनसे अलग-थलग काम करने से बचने और उसकी बजाए मंत्रालय की संबंधित मीडिया इकाइयों के साथ मिल-जुलकर कार्य करने के जरिए संचार के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने सरकारी संचार को अधिक दिलचस्प तथा बदलती मांगों के अनुरूप बनाने के लिए युवाओं की कल्पना का उपयोग करने हेतु जन संचार संस्थानों के साथ संबंध बनाने और इंटर्नशिप कार्यक्रमों के माध्यम से उपलब्ध प्रतिभा का उपयोग करने का सुझाव दिया। सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने कहा कि सरकारी संचार को अलग-अलग मंत्रालयवार दृष्टिकोण के स्थान पर नागरिक केंद्रित प्रकृति के साथ समग्र, विषयगत दृष्टिकोण में ढालने की आवश्यकता है।
सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने नागरिकों, विशेष रूपसे सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष भागीदारीपूर्ण संचार दृष्टिकोण को अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने प्रेस विज्ञप्तियां जारी करने के बजाय संक्षिप्त वीडियो के साथ मीडिया विज्ञप्तियां जारी करने की संभावनाएं तलाशने का उदाहरण देते हुए कहा कि आईआईएस अधिकारियों को संचार में डिजिटल आउटलुक को व्यापक रूपसे अपनाने पर जोर देने की जरूरत है। सम्मेलन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती और भारतीय जनसंचार संस्थान के अधिकारी और देशभर के वरिष्ठ आईआईएस अधिकारियों ने भाग लिया।