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Wednesday 7 August 2019 12:57:15 PM
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल-2019 को लोकसभा में भी पास कर दिया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिल के अंतर्गत दो संकल्प और एक बिल विचार तथा पारित करने के लिए प्रस्तुत किए, जिनमें 370 (1) के प्रावधानों के अनुसार जम्मू और कश्मीर के लिए संविधान का अध्यादेश, 370 (3) के अनुसार 370 को खत्म करने का संकल्प और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के लिए विधेयक था। अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश की भलाई के लिए निर्णय लेने में पीछे नहीं हटेगी, सरकार का उद्देश्य घाटी की खुशहाली और घाटी के युवाओं को अच्छा भविष्य, अच्छी शिक्षा, अच्छा रोज़गार देना चाहती है, उनको संपन्न बनाना चाहती है, ताकि भारत के दूसरे हिस्सों का जिस प्रकार विकास हुआ है, उसी तरह की घाटी का भी संपूर्ण विकास हो।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे दिन की बहस में किसी भी सदस्य ने धारा 370 के फायदों की बात नहीं की, क्योंकि धारा 370 से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने धारा 370 के कारण जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ होने वाले छल का जिक्र करते हुए कहा कि धारा 370 के कारण शिक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं हो पाई, यह धारा महिला विरोधी, गरीब विरोधी, आदिवासी विरोधी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र प्रफुल्लित नहीं हुआ, भ्रष्टाचार बढ़ा और चरमसीमा पर पहुंच गया है, वहां भ्रष्टाचार की जांच चल रही है, इसलिए इतना हो-हल्ला हो रहा है। अमित शाह ने कहा कि घाटी के लोग हमारे हैं, हम उनको सीने से लगाएंगे, अगर उनके मन में कोई शंका है तो हम चर्चा करेंगे, किंतु पाकिस्तान से कृपा पाने वालों से कोई चर्चा नहीं होगी, हुर्रियत से भी कोई चर्चा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मैंने जब भी संसद में जम्मू-कश्मीर की बात की है, उसमे हमेशा पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर और अक्साई चीन भी शामिल है। विपक्ष द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा यूनाइटेड नेशन में होने को लेकर अमित शाह ने कहा कि इसके बारे में कोई भी मामला लंबित नहीं है और जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तथा भारत की सीमाओं के अंदर कोई भी निर्णय लेने के लिए सदन सक्षम हैं।
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में प्रवेश करते ही सांसदों का अभिवादन किए जाने पर विपक्ष की आपत्ति पर कहा कि 70 साल की टीस खत्म हो रही है तो आनंद की अभिव्यक्ति स्वाभाविक है। अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में कानून की स्थिति ना बिगड़े इसलिए कर्फ्यू लगाया गया है, सुरक्षा के कारण वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। अमित शाह ने कहा कि धारा 370 तो पहले से ही अस्थाई है और अस्थाई व्यवस्था को 70 साल तक खींचा गया है। उन्होंने प्रस्ताव का विरोध करने वाले सदस्यों से पूछा कि जब ऐतिहासिक रूपसे केंद्रीय धन का अधिकतम हिस्सा जम्मू-कश्मीर को दिया गया, उसके बाद भी यह बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं, रोज़गार अवसर आदि जैसे विकास के कार्यों में क्यों नहीं परिलक्षित हुआ है? देश के अन्य राज्यों की तरह यहां विकास क्यों नहीं हो पाया है? अमित शाह ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए युवा वर्ग का उपयोग किया जा रहा है और राज्य के केवल तीन परिवारों ने इन निधियों से व्यक्तिगत लाभ प्राप्त किया। उन्होंने लिंग, वर्ग, जाति और मूल स्थान के आधार पर धारा 370 के प्रावधानों को भेदभावपूर्ण करार दिया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में निजी निवेश के दरवाजे खुलेंगे, जिससे वहां विकास की संभावना बढ़ेगी, निवेश में वृद्धि से रोज़गार सृजन में वृद्धि होगी और राज्य में सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचे में और सुधार होगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों के विकास के लिए निजी लोगों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से निवेश आएगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज ऐतिहासिक भूल सुधारने का दिन है। अमित शाह ने कहा कि इस सदन ने भारत की एकता और अखंडता के लिए इससे पहले बहुत ऐतिहासिक क्षण देखे हैं और कई बार यह सदन अपनी प्रतिबद्धता साबित कर चुका है।