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मोदी सरकार देश के हर कोने में पहुंची-राज्यमंत्री

शिलॉग में ई-गवर्नेंस पर 22वें राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन

उत्तर-पूर्व राज्‍यों का दर्जा बढ़ा-मुख्‍यमंत्री कॉनराड के संगमा

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Thursday 8 August 2019 04:38:16 PM

national conference on e-governance in shillong

शिलॉग। केंद्रीय पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने शिलॉग में ई-गवर्नेंस पर 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन पर कहा है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का परिणाम है कि आज ई-गवर्नेंस अधिक प्रभावी हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सम्‍मेलन नवीन परियोजनाओं को शुरु करने, नई पहलों, नई तकनीकों, नई प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने और नवीन दृष्टिकोणों के साथ शासन में प्रमुख मुद्दों का समाधान खोजने में आने वाली विभिन्न बाधाओं पर विचार-मंथन के लिए आयोजित किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य नागरिककेंद्रित दृष्टिकोण के साथ सरकार का लक्ष्य उन्मुख निर्णय लेना है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्‍न सत्रों में इस तरह विचार-विमर्श हो कि यह सम्‍मेलन ‘शिलॉग डिक्‍लेयरेशन’ के नाम से जाना जाए।
पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्‍हें खुशी है कि आजादी के बाद पहलीबार किसी उत्तर-पूर्वी राज्‍य में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और लगभग सभी राज्य, केंद्रशासित प्रदेश और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार की देश के पूर्ववर्ती भागों तक पहुंचने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्‍होंने मेघालय और अरुणाचल में रेल कनेक्टिविटी की भी चर्चा की और कहा कि अब हम विश्वास और संतुष्टि के साथ कह सकते हैं कि सरकार वस्तुतः देश के हर कोने पर पहुंच गई है। डॉ जितेंद्र सिंह ने ई-गवर्नेंस की विभिन्‍न योजनाओं के बारे मे बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के नौजवानों पर विश्‍वास करते हुए राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणपत्रों को सत्‍यापित करने की प्रथा को समाप्‍त कर दिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट ऐप और उमंग जैसी परियोजनाओं को शुरु किया गया है, अब सेवानिवृत्त सिविलसेवक को जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए बैंक तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और आम नागरिक अपने मोबाइल पर विभिन्‍न ऐप के माध्यम से अपने क्षेत्र में लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जान सकते हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीते 5 वर्ष में सरकार ने उच्चतम स्तर पर ई-गवर्नेंस को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, इसके अलावा प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने भी अभिनव प्रयोग के साथ महत्‍वपूर्ण पहल की हैं। उन्‍होंने प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि विभिन्‍न प्रोत्‍साहन योजनाओं के कारण लोगों में कार्य करने का जबरर्दस्‍त उत्‍साह है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी शिकायत पोर्टल कई राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया है, इसमें पंजीकृत शिकायतों की कुल संख्या प्रतिवर्ष औसतन लगभग 2 लाख हुआ करती थी, तीन वर्ष में पोर्टल को तीन साल पहले की तुलना में लगभग सात गुना अधिक प्रतिवर्ष 16 लाख शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत वहीं की जाती है, जहां उसके निस्‍तारण की उम्‍मीद होती है और नरेंद्र मोदी सरकार ने यह उम्‍मीद जगाई है, इसलिए शिकायतों की संख्‍या बढ़ी है, सरकार की दक्षता में वृद्धि का विश्लेषण शिकायतों के निपटान के आंकड़ों की तुलना करके किया जा सकता है, जो 95 प्रतिशत से अधिक हो गए हैं, यह सरकार की जवाबदेही साबित करता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासनिक सुधार विभाग हमेशा केंद्र और राज्य सरकारों में सुधार की सुविधा के लिए अग्रणी रहा है एवं सुशासन प्रथाओं का प्रसार और प्रतिकृति के लिए विभाग ने राज्य सरकारों की पहलों को वित्तपोषित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार में सुधार अब सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चैनलबद्ध हैं। उन्‍होंने डोनर मंत्रालय तथा डीओपीटी के ई-गवर्नेंस की दिशा में विभिन्‍न प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन को अधिक नागरिक केंद्रित बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को नया स्‍वरूप दिया है। मेघालय के मुख्‍यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि उत्तर-पूर्व राज्‍यों का दर्जा बढ़ा है। उन्‍होंने कहा कि सूचना तंत्र के प्रभावी उपयोग से निर्धारित लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में आसानी होती है। पहाड़ी राज्‍यों में कनेक्टिविटी की समस्‍या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसपर काम करने की आवश्‍यकता है, प्रभावी कनेक्टिविटी के बिना दूसरी परियोजनाओं को आम-जन तक पहुंचाना बेहद मुश्किल है। उन्‍होंने सरकार से अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर कनेक्टिविटी के लिए नए टावर लगाने में सर्विस प्रोवाइडरों को आने वाली विभिन्‍न समस्‍याओं पर ध्‍यान देने का आग्रह किया।
मेघालय के मुख्‍यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि निचले दर्जे पर मोटीवेशनल कार्यक्रम की आवश्‍यकता है, जिससे ई-गवर्नेंस की दिशा में सकारात्‍मक परिणाम आ सकें। उन्‍होंने स्‍मार्ट शहर की तरह स्‍मार्ट गांव विकसित करने पर भी जोर दिया। मेघालय सरकार में आईटी मंत्री एच दोहलिंग ने कहा कि सरकार को मजबूत बनाने में सूचना तंत्र की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। उन्‍होंने सम्‍मेलन को डिजिटल इंडिया की दिशा में लाभप्रद बताया। इससे पूर्व सचिव एआर एंड पीजी केवी ईपेन ने अतिथियों का स्‍वागत किया। उन्‍होंने सरकार के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में ऐसे सम्‍मेलनों को महत्‍वपूर्ण बताया। मेघालय के मुख्‍य सचिव पीएस थैन्‍ग्यिू ने भी सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि ई-गवर्नेंस से जनसुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है। अजय प्रकाश साहनी सचिव इलेक्‍ट्रानिक एंड आईटी ने कहा कि डिजिटल इंडिया के अगले दौर में जाने का सही समय है।

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