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Monday 25 March 2013 10:50:48 AM
लखनऊ। लियाकत शाह की कथित फर्जी गिरफ्तारी और होली के दौरान आतंकवाद के नाम पर देश में असुरक्षा का माहौल बनाने व हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कटुता बढ़ाने के आरोप के साथ दिल्ली क्राइम ब्रांच और आईबी का रिहाई मंच ने लखनऊ में विधानसभा के सामने पुतला फूंका। इस दौरान मौजूद एलआईयू के इंसपेक्टर केके सिंह ने मीडिया फोटोग्राफरों को आईबी और दिल्ली क्राईम ब्रांच के पुतला दहन की तस्वीर खींचने से मना किया और कहा कि आईबी और क्राइम ब्रांच का पुतला फूंकना संविधान के खिलाफ है, जिसे मीडिया नहीं छाप सकती। रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश सरकार से एलआईयू के इस्पेक्टर केके सिंह को भी तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए कहा कि वह भी मीडिया को मैनेज कर पुलिस और आईबी के खिलाफ खबरों को दबाती है और मुसलमानों के खिलाफ भ्रामक खबरों को प्रसारित करवाती है।
पुतला दहन से पहले मौजूद रिहाई मंच के वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह लियाकत शाह का मामला फर्जी साबित हुआ और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच अपने को बचाने में लगी है, उससे यह साफ हो गया है कि देश में जिस आईबी और पुलिस की विशेष एजेंसियों को देश की सुरक्षा का जिम्मा मिला है वो देश के नागरिकों में असुरक्षाबोध पैदा करने के साथ-साथ हिंदू-मुसलमानों को आपस में लड़ाने की भी कोशिश कर रही हैं, इसी के तहत पिछले दिनों अफजल गुरु को फांसी दी गई, जब लियाकत शाह खुद प्रत्यर्पण करने के लिए आ रहा था तो वह भला कैसे अफजल गुरु की फांसी का बदला लेने के लिए होली के त्योहार पर दिल्ली में धमाकों की साजिश रच सकता था? वो तो लगातार जम्मू-कश्मीर पुलिस और आईबी के संपर्क में था, जबकि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच लियाकत को एक नया अफजल गुरु बनाने की फिराक में थी, ठीक इसी तरह अफजल भी एक प्रत्यर्पित चरमपंथी था, जिससे बाद में आईबी ने जबरन मुखबिरी कराई और उसे आतंकी साजिश में लिप्त दिखाकर फांसी के फंदे तक पहुंचा दिया।
वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली के हाजी अराफात गेस्ट हाउस में असलहों के बैग का मिलना और एक संदिग्ध व्यक्ति का सीसीटीवी फुटेज मिलना एक अहम जांच का विषय है। दिल्ली क्राइम ब्रांच जिन 6 व्यक्तियों को बता रही है कि वे कहां हैं, उनका भी दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच आतंकवाद के नाम पर फर्जी तरीके से एनकाउंटर कर सकती है। हाजी अराफात गेस्ट हाउस से जब्त विस्फोटकों और हथियारों की जांच हो कि किस तरह से वे होली के त्योहार पर आतंकी फिदाइन हमला करना चाहते हैं?
इस झूंठ ने पूरे देश का माहौल खराब कर दिया है, ऐसे में सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए क्योंकि वे सबूतों को मिटा सकते हैं। होली के त्योहार पर मीडिया ट्रायल से देश में शांति-सुरक्षा और भाईचारे को भी खतरा हो सकता है।
रिहाई मंच ने कहा है कि लियाकत शाह के मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सरकारें आतंकवाद के खात्मे में नहीं, बल्कि उसके नाम पर राजनीति करने में दिलचस्पी रखती हैं। जम्मू-कश्मीर में लियाकत जैसे जो भी लोग वापस आते हैं या तो वे मजबूरी में पुलिस के लिए मुखबिरी करते हैं या फिर कभी इसी तरह की झूंठी वारदातों में गिरफ्तार कर लिए जाते या फिर फर्जी एनकाउंटरों में मार दिए जाते हैं। इससे सरकार के उग्रवादियों के आत्मसमपर्ण और पुर्नवास नीति पर गंभीर सवाल उठता है। पुतला दहन मे सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आफाक, ऑल इंडिया मुस्लिम फोरम के डॉ आफताब अहमद, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के अबू जर, मो शुएब, हाजी अहमद हुसैन, मोहम्मद रियाज, गुड्डू, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद नियाज, गुफरान सिदिद्की, सैफ, मोहम्मद शफहत, राजीव यादव, शाहनवाज आलम इत्यादि उपस्थित थे।